भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों को राहत देते हुए पहली से दसवीं कक्षा तक के बस्तों का वजन तय कर दिया है. मध्य प्रदेश में नई स्कूल बैग पॉलिसी नए सिरे से लागू की गई है. नई पॉलिसी के अंतर्गत महीने में छात्र-छात्राओं को एक दिन बिना बैग के स्कूल आना होगा. वहीं पहली से पांचवी तक के विद्यार्थियों के बस्ते का वजन 1.6 किलोग्राम से 2.5 किग्रा होगा. छठवीं से सातवीं तक के विद्यार्थियों के बस्ते का वजन 2 से 3 किग्रा रहेगा. आठवीं के विद्यार्थियों के बस्ते का वजन 2.5 किलोग्राम से 4 किलोग्राम तक रहेगा. वहीं नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों के बस्ते का वजन 2.5 से 4.5 किलोग्राम तक होगा.
नई पॉलिसी के अनुसार महीने में एक दिन छात्र-छात्राएं बिना बस्ते के स्कूल आएंगे. कक्षा पहली से दूसरी तक के छात्र-छात्राओं का होमवर्क भी नहीं दिया जाएगा. कक्षा 3 से पांचवी तक सप्ताह में 2 घंटे और छठवीं से आठवीं तक हर दिन 1 घंटे और नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम 2 घंटे का ही होमवर्क मिलेगा. सभी निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट लगाना अनिवार्य होगा. कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं बिना किताबों के ही लगानी होंगी.
नई पॉलिसी में अंतर्गत स्कूल बैग के तय वजन का कड़ाई से पालन कराया जाएगा. जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि हर 3 महीने में स्कूलों में दौरा करें और बस्ते का वजन देखें. इस नई पॉलिसी का पालन पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि पिछले कई सालों से पैरेंट्स और विशेषज्ञ भी इस बात को महसूस कर रहे थे कि बच्चों के स्कूल बैग का वजन ज्यादा है. इससे बच्चे पर शारीरिक और मानसिक तौर पर दबाव होता था. बच्चा स्कूल से वापस आने के बाद अच्छा महसूस नहीं करता था. दूसरी ओर बच्चे के मानसिक विकास के नाम पर घंटों का होमवर्क दिया जाता था. इससे उस पर अनावश्यक दबाव हर वक्त रहता था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में बच्चों को परोसी गई खीर में निकला मरा मेंढक, मजाक बनी मध्यान्ह भोजन योजना
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