वीर सावरकर के प्रपौत्र का राहुल गांधी पर पलटवार, कहा- नेहरू ने हनी ट्रैप में फंसकर किया देश का बंटवारा

वीर सावरकर के प्रपौत्र का राहुल गांधी पर पलटवार, कहा- नेहरू ने हनी ट्रैप में फंसकर किया देश का बंटवारा

प्रेषित समय :10:10:41 AM / Sat, Nov 19th, 2022

मुंबई. महाराष्ट्र में राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान के बाद पूरे राज्य में बवाल मचा हुआ है. इसके बाद ना सिर्फ भाजपा बल्कि शिंदे गुट और एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन किए बल्कि उनके सहयोगी ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने भी सावरकर के मुद्दे पर बोलने से बचने की सलाह दी.

वहीं राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए वीर सावरकर के प्रपौत्र रणजीत सावरकर ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हनी ट्रैप में फंसकर जल्दबाजी में भारत के विभाजन का फैसला किया. इससे 20 लाख हिंदुओं का कत्ल हुआ. रणजीत सावरकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक बाई के लिए पंडित नेहरू ने देश का विभाजन किया था. नेहरू को हनीट्रैप में फंसाकर देश का विभाजन किया गया. 12 सालों तक नेहरू भारत के बारे में गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश सरकार को देते रहे.

रणजीत सावरकर ने कहा कि मेरी भारत सरकार से विनती है कि नेहरू और एडविना के पत्र व्यवहार जो हुए उनके सबूत ब्रिटेन से भारत लाए जाएं और उन्हें जनता के सामने जाहिर किया जाए. तब जनता को पता चलेगा कि हम जिन्हें चाचा नेहरू कहते रहे उन्होंने एडविना को पत्र में क्या-क्या लिखा और कैसे देश का बंटवारा किया. रणजीत सावरकर ना सिर्फ विनायक दामोदर सावरकर के प्रपौत्र हैं बल्कि हिंदुत्ववादी विचारों के समर्थक हैं. स्वातंत्रयवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक संस्था के अध्यक्ष हैं. हिंदुत्व ही राष्ट्रीयता, इस विचार के कट्टर समर्थक हैं.

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंग्रेज सरकार को सावरकर का लिखा हुआ एक खत दिखाया था. इस खत के हवाले से उन्होंने कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. उनसे पेंशन लेते थे और उनके लिए काम करते थे. रणजीत सावरकर ने राहुल गांधी के इस बयान का गुरुवार को ही खंडन किया था और कहा था कि इसका कोई सबूत नहीं है कि सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे. वे बैरिस्टर थे, कमाना चाहते तो वैसे भी बहुत कमा सकते थे. उन्हें अंग्रेजों से पेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं थी. 27 साल तक कठोर सजा पाने वाले वे अकेले क्रांतिकारी थे. अगर वे अंग्रेजों के लिए काम करते तो अंग्रेजों के रिकॉड्र्स में उन्हें मोस्ट डेंजरस मैन नहीं कहा जाता.

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