दिल्ली. महाराष्ट्र पहुंची भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राहुल गांधी ने कहा कि मेरे पास सावरकर जी की चिट्ठी है जो उन्होंने अंग्रेज अधिकारी को लिखी थी, मैं पढ़ कर सुनाता हूं. उन्होंने लिखा है- सर मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि यह आप पढ़ लीजिए. देख लीजिए. चाहे तो फडणवीस जी यह देख लें. मोहन भागवत जी को भी दिखाएं. यह साफ है कि सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की.
राहुल गांधी ने वे डॉक्यूमेंट दिखाए जिससे वे यह सिद्ध करना चाह रहे हैं कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी और उनसे पेंशन लेते थे. कल बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सावरकर को अपमानित करने वाले विचारों को वे जमीन के नीचे गाड़े बिना नहीं रहेंगे. सीएम एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने मांग की थी कि राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान की वजह से उनकी भारत जोड़ो यात्रा को महाराष्ट्र में रोक देनी चाहिए. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर उनकी यात्रा को कोई रोकना चाहता है तो रोक दीजिए.
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सावरकर जी ने यह चिट्ठी साइन की थी. गांधी जी, नेहरु जी और पटेल जी भी जेल में रहे, किसी ने ऐसी चिट्ठी पर साइन नहीं की थी. महाराष्ट्र में सत्ता में बैठे एक नेता ने कहा कि इस यात्रा को रोक देना चाहिए. मैंने यह तो नहीं कहा ना कि उस नेता को ऐसा बोलने ना दो. उनका ऐसा बोलना बंद करवाओ. यह सरकार को तय करना है.
राहुल गांधी ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि इस यात्रा से देश को नुकसान है तो रोक दो यात्रा को. हमारे साथ लाखों कार्यकर्ता हैं.हिम्मत है तो रोक कर दिखाएं. यही फर्क है हमारी राजनीति और बीजेपी की राजनीति में. बीजेपी जबान पर लगाम लगा रही है. हम तानाशाही नहीं करते. आपके अलग विचार हो सकते हैं, हमारे अलग. हम अलग-अलग विचारों के साथ रह सकते हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि हम भारत जोड़ो यात्रा किसी स्वार्थ से नहीं कर रहे हैं. हमने सितंबर में यह यात्रा शुरू की, हम इस यात्रा में कन्याकुमारी से श्रीनगर तक जाएंगे. इसके पीछे हमारा चुनाव में जीत का या किसी और चीज का कोई मकसद नहीं है. यह यात्रा काम करने का एक तरीका है. हम सबको लगा था कि जो बीजेपी की अप्रोच नफरत से भरी है, डर फैलाने वाली और हिंसा फैलाने वाली है, उन्होंने हिंदुस्तान को यह रास्ता दिया है. यात्रा की कोशिश है देश को बताना कि अपनी बात सुनाने का यही एक तरीका नहीं है. एक और तरीका है.
एक पत्रकार ने पूछा भारत जोड़ने की क्या जरूरत है अगर भारत टूटा ही नहीं है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के नेता किसानों और युवाओं से बात नहीं कर रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है. किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है. इसलिए हमने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की है. यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी. अगर लोगों को नहीं लगता कि इस यात्रा की जरूरत है, तो लाखों लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए घर से बाहर नहीं निकलते. दो समस्याएं दिख रही हैं. युवा को यह भरोसा नहीं है कि उसे रोजगार मिल सकता है. दूसरी समस्या किसानों की है. वो बीमा भरता है, लेकिन जब आंधी-तूफान आता है तो उसे पैसा नहीं मिलता.
एक पत्रकार ने पूछा महात्मा गांधी ने भी भारत यात्रा की थी, आप भी वही कर रहे हैं. इसके बीच क्या संयोग है? क्या आप उनकी नकल कर रहे हैं? इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी से मेरी कोई तुलना नहीं है. उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. मैंने कोई प्लानिंग से यह यात्रा शुरू नहीं की है. पिछले आठ सालों से डर का माहौल है. हिंसा फैलाई जा रही है. आज एक राजनीतिक पार्टी और दूसरी राजनीतिक पार्टी के बीच लड़ाई नहीं है. एक तरफ हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशंस खड़े हैं. बीजेपी इंस्टीट्यूशंस पर प्रहार कर रही है. न्यायपालिका को दबाव में ला रही है. हमने पार्लियामेंट में अपनी बात रखने की कोशिश की और भी प्लेटफार्म में बात रखने की कोशिश की. चाहे वो नोटबंदी की बात हो, जीएसटी की बात हो, कहीं सुनवाई नहीं हुई. इसलिए यात्रा शुरू की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पीएम नरेंद्र मोदी की बड़ी घोषणा: महाराष्ट्र के लिए केंद्र सरकार की 2 लाख करोड़ की योजना
आदित्य की देवेंद्र को चुनौती: टाटा के उस अधिकारी का नाम बताओ जिसने महाराष्ट्र पर ना कहा
महाराष्ट्र: पालघर केमिकल फैक्ट्री में लगी आग, 3 कर्मचारियों की मौत, 12 गंभीर रूप से झुलसे
जबलपुर पुलिस को सलाम सोलापुर महाराष्ट्र में फंसे 70 मजदूरों को सकुशल वापस लेकर आई
Leave a Reply