Jharkhand News: राजभवन और सरकार के रिश्ते में तल्खी बढ़ी,TAC के गठन को लेकर बढ़ा विवाद

Jharkhand News: राजभवन और सरकार के रिश्ते में तल्खी बढ़ी,TAC के गठन को लेकर बढ़ा विवाद

प्रेषित समय :18:35:10 PM / Wed, Nov 30th, 2022

रांची. राजभवन और झारखंड सरकार के बीच तल्खी बढऩे लगी है, एक बार फिर राजभवन और झारखंड सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है. इस बार वजह है जनजातीय परामर्शदात्री परिषद (टीएसी)। इसके गठन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. इस विवाद को एक बार फिर हवा मिल गयी है. इसे लेकर राजभवन ने झारखंड सरकार से सवाल किया है.

टीएसी की बैठक पर राजभवन के सवाल

लंबे समय से चला विवाद टीएसी की बैठक के बाद बढऩे लगा है. राजभवन की तरफ से टीएसी के गठन की नियमावली असंवैधानिक बताने के बावजूद टीएसी की बैठक आयोजित कर दी गयी. इस बैठक को राजभवन ने गंभीरता से लिया है. राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी नितिन मदन कुलकर्णी ने मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार से पूछा है कि आखिर राजभवन की आपत्ति के बावजूद जवाब दिए बगैर कैसे टीएसी की बैठक आयोजित की गयी. इतना ही नहीं इसे संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के खिलाफ भी बताया गया है. इस मामले पर अब तक सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया.

पूरा मामला समझें क्या था विवाद

झारखंड सरकार ने टीएसी गठन से संबंधित फाइल स्वीकृति के लिए राजभवन भेजी थी. राजभवन ने इसे असंवैधानिक बताते हुए वापस कर दिया था और इसमें जरूरी संशोधन का निर्देश दिया था. राज्य सरकार ने इसमें कोई संशोधन नहीं किया और टीएसी की बैठक बुला ली. पूरा विवाद इसे लेकर है. राज्यपाल ने टीएसी के गठन की फाइल कानूनी सलाह लेकर लौटायी थी, गठित नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए राजभवन की तरफ से कहा गया था कि टीएसी के गठन में कम से कम दो सदस्यों का मनोनयन राजभवन की तरफ से होना चाहिए. इसके अलावा पांचवीं अनुसूची के तहत नियमावली पर भी उनकी स्वीकृति जरूरी थी.

अचानक कैसे बढ़ा विवाद

झारखंड सरकार ने टीएसी के गठन को लेकर नई नियमावली गठित कर दी. इसमें स्पष्ट कर दिया कि फाइल राजभवन की स्वीकृति के लिए नहीं भेजी गई. नई नियमावली में अब टीएसी के गठन और सदस्यों की नियुक्ति में राजभवन का अधिकार नहीं होगा. इसे खत्म कर दिया गया.

छत्तीसगढ़ के तर्ज पर बना दी नयी नियमावली

टीएसी की बैठक को लेकर नयी नियमावली में मुख्यमंत्री की स्वीकृति से ही सदस्यों की नियुक्ति होगी. नयी नियमावली छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बनाई गई, जहां सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है. राज्यपाल ने इसकी जानकारी उसी वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी थी. अब इसे लेकर हुई बैठक के बाद विवाद बढ़ रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

झारखंड: राज्यपाल ने लौटाया उत्पाद संशोधन विधेयक 2022, कई बिंदुओं पर जताई आपत्ति

झारखंड में रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट पर बड़ा नक्सली हमला, दर्जनों वाहन में लगाई आग

झारखंड: धनबाद में CISF और कोयला चोरों के बीच हुई मुठभेड़ में चार की मौत, दो घायल

झारखंड के सीएम सोरेन पर ED का शिकंजा, माइनिंग केस में भेजा समन

झारखंड: दुमका हाइवे पर बस से टकराने के बाद गैस टैंकर में हुआ विस्फोट, हादसे में दो लोगों की मौत

झारखंड: सॉफ्टवेयर इंजीनियर का अपहरण कर 10 लोगों ने किया गैंगरेप

Leave a Reply