जयपुर (पल-पल इंडिया). संस्कृत और भारतीय संस्कृति को समर्पित मीनाक्षी विकेश त्रिवेदी को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की है. इसमें शोध का विषय- भर्तृतहरि कृत नीति शतक की राघवीय संस्कृत टीका का संपादन और समीक्षा है, जो टीका पांडुलिपि में उपलब्ध है. मीनाक्षी विकेश त्रिवेदी को इस पांडुलिपि के उपलब्ध होने के बाद प्रो. मंगलाराम बिश्नोई के निर्देशन में इसके नियमित अध्ययन और संस्कृत अनुवाद में करीब एक वर्ष का समय लगा.
उल्लेखनीय है कि तलवाड़ा, बांसवाड़ा निवासी मीनाक्षी के पति विकेश त्रिवेदी और उनके पुत्र युयुत्सु त्रिवेदी गौसेवा को समर्पित हैं.
उनकी भाभी श्रीमती भावना द्विवेदी ने मीनाक्षी की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि.... अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने के साथ-साथ सास-ससुर.... कमला, वासुदेव त्रिवेदी की सेवा करते हुए इस तरह की उपलब्धि हासिल करना प्रशंसनीय है.
माता-पिता.... मंजुला, हेतलाल पाठक की बेटी मीनाक्षी, अपने घर की गौशाला में भी पूरी लगन के साथ गौसेवा करती हैं.
यही नहीं, कुछ समय पहले तलवाड़ा में आयोजित गौ-नवरात्रि भागवत कथा के आयोजन में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही थी!
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