प्रयागराज. पंडित दीन दयाल उपाध्याय से वाया छिवकी और नैनी, जबलपुर-इटारसी होकर मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों का संचालन अब पहले से ज्यादा बेहतर होगा. ये ट्रेनें अब नैनी और छिवकी में नहीं फंसेंगी, क्योंकि ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) ने इरादतगंज से करछना के बीच बनाए गए फ्रेट कॉरिडोर का ट्रायल किया गया है. यह कॉरिडोर एक तरह से रेल बाईपास का भी काम करेगा. डीएफसी के अफसरों ने कहा है कि अब यह रूट ट्रेनों की आवाजाही के लिए तैयार है.
दरअसल, पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक कुल 1856 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न डीएफसी का निर्माण चल रहा है. वर्तमान समय में यूपी के बुलंदशहर के खुर्जा से लेकर कौशाम्बी के सुजातपुर और न्यू प्रयागराज छिवकी से न्यू चुनार तक ईडीएफसी के इस रूट पर मालगाडिय़ों की आवाजाही हो रही है.
इसी कड़ी में अब इस रूट के इरादतगंज से करछना के बीच मालगाड़ी संचालन के लिए 8.8 किलोमीटर लंबी लिंक लाइन खोल दी गई है. उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के पीसीएसओ एम के गुप्ता, सीटीई विनोद बोमपाल, सीईडीई वाई कुमार और सीएसई पीके वर्मा ने निरीक्षण किया. ईडीएफसी के महाप्रबंधक (पूर्व) ओम प्रकाश ने बताया कि यह लिंक मार्ग अब रेल संचालन के लिए तैयार है.
इसके खुलने से डीडीयू की ओर से आने वाली मालगाड़ी, जो मुंबई रूट पर आनी है, उसे छिवकी और नैनी भेजने की जरूरत नहीं होगी. इससे इन दोनों ही स्टेशनों पर ट्रेनों का दबाव कम होगा और निकट भविष्य में संबंधित रूट पर यात्री ट्रेन बढ़ाई जा सकेगी. 85-90 की स्पीड में इस लिंक मार्ग पर ट्रेन चलाई गई. निरीक्षण के दौरान सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और सिग्नलिंग के काम को भी देखा गया.
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