कोलकाता. कोलकाता में शनिवार 17 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अधिकारियों के बीच बहस हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. यह वाकया हावड़ा में ईस्टर्न जोनल काउंसिल की बैठक के दौरान हुआ. ममता बीएसएफ को बॉर्डर के 50 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई के अधिकार देने से नाराज हैं. ममता का कहना है कि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है.
केंद्र सरकार ने नए कानून के तहत बीएसएफ को इंटरनेशनल बॉर्डर से 50 किलोमीटर तक के इलाके में कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. इसके लिए मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की जरूरत नहीं होगी. इससे पहले बीएसएफ 15 किमी अंदर तक ही कार्रवाई कर सकती थी. ममता इसी बदलाव से नाराज हैं. उनका कहना है कि इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं. बीएसएफ के पास ज्यादा पॉवर है, जो लोगों और अफसरों के बीच तालमेल नहीं बनने देता.
ममता ने लगाया था गांववालों की हत्या का आरोप
ममता ने मई 2022 में कहा था कि बीएसएफ वाले गांवों में घुसकर लोगों को मार रहे हैं और दूसरी तरफ बांग्लादेश में फेंक रहे हैं. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार के तहत आने वाली बीएसएफ इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार गायों की तस्करी कराती है और लोगों की हत्या करके उनके शव बांग्लादेश में फेंक देती है, लेकिन उसका इल्जाम बंगाल पुलिस पर आता है. इसलिए मैंने राज्य पुलिस को कहा है कि वे बीएसएफ को रोकें. दिसंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाये जाने के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया था.
2021 में केंद्र ने बढ़ा दिया था बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र
पिछले साल अक्टूबर में एक्ट में बदलाव करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया था. इसके बाद बीएसएफ अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में देश की सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती की अनुमति मिल गई.
पंजाब और पश्चिम बंगाल ने किया था फैसले का विरोध
इस फैसले से पंजाब में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. पंजाब में पहले किसी भी कार्रवाई में बीएसएफ स्थानीय पुलिस की मदद से काम करती थी. नए संशोधन के बाद कांग्रेस और अकाली दल ने इसका जोरदार विरोध किया. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्य के अधिकारों पर हमला बताया था. पंजाब की तरह बंगाल ने भी इस फैसले का विरोध किया था.
देश के 12 राज्यों पर केंद्र सरकार के फैसले का असर
बीएसएफ एक्ट 1968 की धारा 139 (1) के तहत प्रावधानों के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का असर देश के 12 राज्यों पर पड़ा. इनमें गुजरात, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं.
नए कानून से असम, बंगाल और पंजाब ज्यादा प्रभावित
इन 12 राज्यों में से राज्य असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इन राज्यों में पहले बीएसएफ बॉर्डर से 15 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई कर सकती थी. अब वह 50 किलोमीटर तक बिना मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के कार्रवाई कर सकेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम बंगाल के सियालदह स्टेशन में दो लोकल ट्रेनों की टक्कर, बाल-बाल बचे यात्री, इंजिन हुआ डैमेज
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