ब्रुसेल्स. कतर में हो रहा फीफा वर्ल्ड कप शुरुआत से ही विवादों में घिरा है. अब इसके खत्म होने के एक दिन कतर पर यूरोपियन यूनियन के सांसदों को करोड़ों रुपए की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं. यह रिश्वत वर्ल्ड कप से पहले हुए निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर मजदूरों की मौतों के मामले दबाने के लिए दी गई. इन मजदूरों में बड़ी संख्या भारतीयों की थी.
हाल ही में बेल्जियम पुलिस ने यूरोपियन पार्लियामेंट की एक मेंबर के ब्रुसेल्स स्थित घर और उनके पिता के होटल रूम पर छापा मारकर 8 करोड़ रुपए बरामद किए. इन सांसद पर आरोप है कि वर्ल्ड कप की तैयारियों में मजदूरों की मौत समेत कई विवादों को दबाने के लिए उन्होंने कतर से करोड़ों रुपए की घूस ली थी. बेल्जियम पुलिस ने जब्त की गई रकम की फोटो भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है.
मजदूरों की मौत का फीफा वर्ल्ड कप कनेक्शन
एमनेस्टी इंटरनेशलनल ने 2022 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कतर में पिछले 10 साल में 15 हजार 21 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है. इनमें सबसे ज्यादा 2 हजार 711 मजदूर भारत के थे. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि इनकी मौत वर्ल्ड कप से जुड़ा निर्माण कार्य करने के दौरान हुई थी. इसके बाद आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि फीफा वर्ल्ड कप के लिए निर्माण कार्य में लगे 6 हजार 500 से ज्यादा वर्कर्स की मौत हुई.
रिश्वत मामले में ईयू के दो मेंबर्स पर कार्रवाई
बुधवार को हुई छापेमारी से पहले भी कतर से घूस लेने के मामले में यूरोपियन संसद के ग्रीस से सदस्य एवा कायली को बेल्जियम से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें हिरासत में रखा जाएगा. वहीं इटली से ईयू के सांसद एंटोनियो पंजेरी पर भी इस स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे हैं. उनके घर पर रेड मार कर पुलिस ने 5 करोड़ रुपए जब्त किए थे. इसके साथ उन पर आरोप है कि वो कतर की तरफ से स्पोंसर की गई एक 87 लाख रुपए की फैमिली ट्रिप पर गए थे.
भ्रष्टाचार की जांच के लिए अब तक 20 जगह छापेमारी
भ्रष्टाचार की जांच के लिए फेडरल पुलिस अब तक 20 जगह छापेमारी कर चुकी है. इस मामले में यूरोपियन यूनियन की संसद में भी छापा मारा जा चुका है. पहले ईयू की संसद में इन मजदूरों की मौत को बड़ा मुद्दा बनाया गया था. जिससे इंटरनेशनल लेवल पर कतर की किरकिरी हुई थी.
ब्रिटिश एमपी पर भी कतर से तोहफे लेने का आरोप
पॉलिटिको के मुताबिक यूरोपियन यूनियन के सांसदों के अलावा ब्रिटेन के सांसदों पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने अक्टूबर 2021 के बाद से कई बार कतर सरकार से तोहफे लिए हैं. इस पर एमनेस्टी इंटरनेशनल के साचा देशमुख ने कहा कि किसी नेता को कतर से रुपए या फिर तोहफे नहीं लेने चाहिए. बल्कि उन्हें तो वहां हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-फीफा विश्व कप: उद्घाटन मैच में इक्वाडोर ने कतर को दी मात, मेजबान टीम के नाम दर्ज हुआ शर्मनाक रिकॉर्ड
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