नई दिल्ली. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव करवाने के आदेश दिए थे. जिसको लेकर योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई. वहां से उसे बड़ी राहत मिली है, जहां सर्वोच्च अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.
अदालत ने राज्य पिछड़ा आयोग को स्थानीय निकायों में कोटा देने के लिए ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले के एक भाग पर रोक लगाई है. साथ ही सभी पक्षों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि जनवरी या फरवरी की शुरुआत में चुनाव हो जाएंगे, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से ये संभव नहीं है. अदालत ने नया नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया है. इस मामले को लेकर विपक्षी दल लगातार योगी सरकार पर हमलावर थे.
यूपी सरकार ने गठित की थी कमेटी
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत न्यायाधीश रामअवतार सिंह कर रहे. इस आयोग को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी के लखनऊ में नाले में जा समाई बेलगाम कार, हादसे में चार युवकों की मौत
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