सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कॉलेजियम विवाद पर कहा- 3 दिनों के भीतर केंद्र भेजेगा 44 जजों का नाम

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कॉलेजियम विवाद पर कहा- 3 दिनों के भीतर केंद्र भेजेगा 44 जजों का नाम

प्रेषित समय :17:57:12 PM / Fri, Jan 6th, 2023

नई दिल्ली. केंद्र सरकार कॉलेजियम मामले पर नरम पड़ गई है. सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन दिनों में उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति के लिए 44 न्यायाधीशों को मंजूरी दे दी जाएगी. साथ ही सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि केंद्र कॉलेजियम सिस्टम का पालन करेगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को जजों की नियुक्ति में देरी पर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने सरकार से लंबित नामों को जल्द से जल्द हटाने के लिए कहा. केंद्र की तरफ से कोर्ट में उपस्थित हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह समय सीमा का पालन करेगी और कहा कि उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा की गई 104 सिफारिशों में से जो सरकार के पास लंबित हैं, 44 पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही जल्द ही इन नामों को भी भेज दिया जाएगा.

हालांकि, जब जस्टिस एसके कौल और एएस ओका ने वेंकटरमणि से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए कॉलेजियम द्वारा दिए गए पांच नामों के बारे में पूछा तो सरकार के शीर्ष कानूनी अधिकारी ने कहा कि विचारों का अंतर था. साथ ही अटॉर्नी जनरल ने कहा कि क्या आप इसे कुछ समय के लिए टाल देंगे? मुझे कुछ जानकारी दी गई है, लेकिन उस पर मेरी कुछ राय अलग हो सकती है.

ऐसे में अब मामले में दोबारा सुनवाई तीन फरवरी को होगी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम -भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायाधीशों की एक संस्था ने पिछले महीने पांच न्यायाधीशों की सिफारिश की थी, जिनमें राजस्थान और पटना के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पंकज मित्तल व संजय करोल शामिल थे. जिसके बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति पर बवाल मच गया था और केंद्र सरकार की तरफ से खाली पड़े जजों की नियुक्ति को लेकर 44 नामों को आगे नहीं बढ़ाया गया था. वहीं, मामले को लेकर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि था कि न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति एक आदर्श प्रणाली नहीं है.

मामले में पिछले महीने सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली देश का कानून है. ऐसे में इस पर टिप्पणी करने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा हर कानून में अपनी खामियां होती हैं, ऐसे में मौजूदा कानून का पालन किया जाना चाहिए. अगर सरकार कोई नया कानून लाना चाहती है, तो विधायी इस पर विचार कर सकती है.

आपको बता दें कि अप्रैल 2021 के आदेश में शीर्ष अदालत ने कहा था कि अगर कॉलेजियम अपनी सिफारिशों को सर्वसम्मति से दोहराता है तो केंद्र को तीन-चार सप्ताह के भीतर न्यायाधीशों की नियुक्ति करनी चाहिए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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