प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी और बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा की नाकामयाबी इस ओर इशारा कर रही है कि जनता राजस्थान की गहलोत सरकार से नहीं, केंद्र की मोदी सरकार से नाराज है.
यही वजह है कि राजस्थान के कांग्रेसी 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित हैं.
कांग्रेस के साथ तीन तरह के लोग हैं-
एक- कांग्रेस के साथ सद्भावना रखनेवाले,
दो- कांग्रेस का समर्थन करनेवाले और
तीन- कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता.
लेकिन.... कांग्रेस जब तक इंटक, एनएसयूआई जैसे जमीनी संगठनों पर फोकस नहीं करेगी, तब तक कांग्रेस के साथ सद्भावना रखनेवाले और कांग्रेस का समर्थन करनेवाले लोगों का विधानसभा चुनाव 2023 में पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा.
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस के सहयोगी संगठन- महिला कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस आदि कमजोर हैं, लेकिन इन्हें जमीन पर सक्रिय रखना आसान नहीं है, जबकि कारखानों में कार्यरत श्रमिकों और स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत छात्रों के कारण इंटक, एनएसयूआई जैसे संगठन जमीन पर सक्रिय भूमिका बेहतर तरीके से निभा पा रहे हैं.
याद रहे, स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वरिष्ठ मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, प्रताप सिंह खाचरियावास आदि छात्र राजनीति से ही आगे आए हैं और संगठन पर इनकी बेहतर पकड़ भी है.
इस वक्त राजस्थान की आधी आबादी महिलाएं पूरी तरह से कांग्रेस के समर्थन में है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने इन आठ वर्षों में रसोई गैस, खाद्य सामग्री, पेट्रोल आदि के लिए अच्छे दिनों के झूठे सपने दिखा कर जमकर लूटा है और महंगाई ने घर चलाना मुश्किल कर दिया है, लेकिन महिलाओं का यह सियासी आक्रोश विधानसभा चुनाव 2023 में वोटों में बदलने के लिए जमीनी सक्रिय कार्यकर्ता जरूरी हैं.
बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा का हाल यह है कि यह जन आक्रोश सभाओं के लिए भीड़ ही नहीं जुटा पा रही है, इसकी वजह यह है कि अशोक गहलोत सरकार ने चिकित्सा, बेरोजगारी, खेती-किसानी, पानी-बिजली जैसे मोर्चों पर सफल नतीजे दिए हैं.
खबर है कि.... राजस्थान के भरतपुर जिले में जन आक्रोश सभा में बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज कुमार चाहर, सांसद दीया कुमारी, भरतपुर सांसद रंजीता कोली सहित स्थानीय नेता मौजूद रहे, लेकिन जन आक्रोश सभा में कुर्सियां खाली पड़ी रही, जबकि बीजेपी द्वारा इस जन आक्रोश सभा में भारी भीड़ जुटने का दावा किया जा रहा था, परन्तु वहां भीड़ उम्मीद से कम आई और यही वजह रही की कुर्सियां खाली रही.
खबरों की मानें तो बीजेपी, जन आक्रोश सभा में करीब पांच सौ लोगों को ही इकठ्ठा कर पाई.
खबर यह भी है कि- इस अवसर पर जन आक्रोश सभा में अश्लील डांस के बारे में पूछने पर सांसद दीया कुमारी ने कहा कि उसके बारे में मुझे पता नहीं है, मैं वहां पर नहीं थी, जहां-जहां हमने रैली और सभा की हैं, वहां बीजेपी के लिए जनता में जो विश्वास है, वह उभर कर आया है.
सियासी सयानों का मानना है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान मॉडल के तहत बहुत सारी सफल एवं लोकप्रिय योजनाएं देकर जहां राजस्थान बीजेपी के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है, वहीं केंद्र की मोदी सरकार की सियासी ठगी बहुत बड़ा मुद्दा है, जबकि बीजेपी की सबसे प्रभावी एकमात्र नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को केंद्र की ओर से नजरअंदाज करना बीजेपी को बहुत ज्यादा राजनीतिक नुकसान दे रहा है, मतलब.... कुल मिलाकर आज राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस के समर्थन में बेहतर सियासी माहौल है, देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में कांग्रेस इसका कितना लाभ ले पाती है?
मोदीजी! एक बार जन आक्रोश रैली में आप भी आओ, तो पता चले जन आक्रोश की दिशा कौनसी है?
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-भाजपा की जन आक्रोश रैली/यात्रा....मोदी , अमित शाह जी, नड्डा जी आपको इसमें कौन सा आक्रोश दिखाई दे रहा है ?pic.twitter.com/j1wQOwRHSl
— Hemant Ogale (@hemantogale) January 6, 2023
साहेब! कोरोना से डर नहीं लगता, भारत जोड़ो यात्रा से डर लगता है?
भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद 26 जनवरी से कांग्रेस चलायेगी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान
भारत जोड़ो यात्रा में चार दिनों के लिए शामिल होंगी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी
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