पीएम केयर्स फंड! देश के सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के मामले में कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री,पीएम मोदी को मात नहीं दे सकता है?

पीएम केयर्स फंड! देश के सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के मामले में कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री,पीएम मोदी को मात नहीं दे सकता है?

प्रेषित समय :22:08:04 PM / Tue, Jan 31st, 2023

प्रदीप द्विवेदी. देश के सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के मामले में कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी को मात नहीं दे सकता है!
देश की सत्ता हासिल करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस तरह से एकतरफा मनमाने फैसले किए हैं, उसने साफ कर दिया है कि सियासी ठगी के मामले में दूर-दूर तक उनके मुकाबले में कोई नहीं है?
कानूनी भ्रष्ट आचरण के मामले में तो वे अव्वल हैं!
खबर है कि.... प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार, 31 जनवरी 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि- पीएम केयर्स भारत सरकार का फंड नहीं है और इसे पब्लिक अथॉरिटी नहीं मान सकते, पीएमओ के अवर सचिव की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि- पीएम केयर्स फंड को पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है और यह भारत के संविधान, संसद या किसी राज्य विधानमंडल के कानून के तहत नहीं बनाया गया है?
उल्लेखनीय है कि- सम्यक गंगवाल की ओर से दायर याचिका में भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स को सरकारी फंड घोषित करने की मांग की गई थी!
खबरों की मानें तो.... जुलाई 2022 में हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव को निर्देश दिया था कि वो इस मामले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करें, यही नहीं, अदालत ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक पेज का हलफनामा दाखिल करने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी, सितंबर 2022 में हाईकोर्ट ने पीएम केयर्स फंड को सरकारी फंड घोषित करने की मांग पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को समय दिया था.
उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल 2022 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा था कि- प्रधानमंत्री और कैबिनेट के अन्य मंत्री संवैधानिक पदों पर हैं और उन्हें इस फंड को निजी तौर पर चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. 
इस ट्रस्ट के बोर्ड में रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री पदेन सदस्य हैं, लिहाजा उन्होंने कहा था कि- जैसे ही पदेन शब्द सामने आता है, इसका मतलब है कि जो भी उस पद पर बैठेगा, वह बोर्ड में शामिल होगा. 
हालांकि, तब अदालत ने दीवान से पूछा था कि आपके कहने का यह मतलब है कि- ट्रस्ट का गठन नहीं किया जा सकता है?
इसके जवाब में दीवान का कहना था कि- ट्रस्ट का गठन किया जा सकता है, लेकिन अगर ये सरकारी है तो उसे सभी संवैधानिक दायित्व पूरे करने होंगे, आप संविधान के बाहर जाकर निजी कंपनी की तरह काम नहीं कर सकते हैं!
पूर्व प्रधानमंत्रियों को अपमानित करने वाले सर्वे पर मीडिया को शर्म क्यों नहीं आती?
https://twitter.com/Pradeep80032145/status/1620102949740630026

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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