मित्रों पे करम, जनता पे सितम! किसान परेशान, लेकिन मित्र के लिए मोदी सरकार एसबीआई को चुप कर देती है?

मित्रों पे करम, जनता पे सितम! किसान परेशान, लेकिन मित्र के लिए मोदी सरकार एसबीआई को चुप कर देती है?

प्रेषित समय :21:35:25 PM / Thu, Feb 9th, 2023

अभिमनोज. पीएम नरेंद्र मोदी के अडानी जैसे मित्रों के लिए बैंकों का समर्पित रवैया और आम जनता के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एसबीआई की एक खबर शेयर करते हुए कहा है कि.... एसबीआई को 31 पैसे चुकाने के लिए गुजरात के एक किसान को हाईकोर्ट का दरवाज़ा खट-खटाना पड़ता है, पर.... मोदीजी के मित्र को दिए हज़ारों करोड़ों के लोन पर मोदी सरकार एसबीआई को चुप कर देती है!

मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो खबर शेयर की है वह बताती है कि- गुजरात उच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 31 पैसे के बकाया के लिए एक उधारकर्ता को नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी.

इस मामले में याचिकाकर्ता- राकेश और मनोज वर्मा ने उधारकर्ता से साणंद में कृषि भूमि का एक भूखंड खरीदने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था. पिछले मालिक, जिन्होंने एसबीआई से 4.55 लाख रुपये का नकद फसल ऋण लिया था, के बकाया के कारण, राकेश और मनोज द्वारा राजस्व विभाग के समक्ष जमीन को उनके नाम पर म्यूट करने के लिए आवेदन खारिज कर दिया गया था.

खबर की मानें तो.... याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट जिनेश कपाड़िया के अनुसार, भूमि के पिछले मालिक ने बाद में बकाया राशि का भुगतान कर दिया था, जिससे याचिकाकर्ताओं के पक्ष में रिकॉर्ड के म्यूटेशन में कोई बाधा नहीं आई, लेकिन एसबीआई द्वारा लंबित 31 पैसे का नो-ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं करने से याचिकाकर्ताओं के पक्ष में नामांतरण लंबित रहा.

मजेदार बात यह है कि 31 पैसे को लेकर चिंतित देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक का कहना है कि.... अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है, जो ओवर ऑल एक्पोजर का मात्र 0.88 फीसदी है, चेयरमैन दिनेश खारा का कहना है कि- बैंक की ऐसी धारणा नहीं है कि अडानी ग्रुप अपनी कर्ज देनदारियों को पूरा करने में किसी तरह की चुनौती का सामना कर रहा है? 
Pradeep Laxminarayan Dwivedi @Pradeep80032145
साहेब! गलती किसान की है....
31 हजार करोड़ का लोन लेना चाहिए था....
कुछ हिस्सा पार्टी चंदे में देकर, शेष रकम लेकर उड़ जाना था?
न खाउंगा, न खाने दूंगा!
चंदा लेकर भागने दूंगा?

https://twitter.com/Pradeep80032145/status/1623624695022235649

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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