सर्व बाधा (बंधन) मुक्ति के उपाय

सर्व बाधा (बंधन) मुक्ति के उपाय

प्रेषित समय :21:43:03 PM / Sun, Feb 26th, 2023

1‌‌‍  यदि परिश्रम के पश्चात् भी कारोबार ठप्प हो, या धन आकर खर्च हो जाता हो तो यह टोटका काम में लें. किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन प्रात: हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें. श्री गणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे “संकटनाशन गणेश स्तोत्र´´ के 11 पाठ करें. तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं. फिर यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें. गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहे. आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा. 1 साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहें.
2  किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर “बटुक भैरव स्तोत्र´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए. ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी.
3  रूके हुए कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है. गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई हो. इसकी आराधना करें. इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें. जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो एक लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा. लौंग को चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहें `जय गणेश काटो कलेश´।
4 सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो, तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की `कुशा´ की मूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा दें और उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें. किसी धार्मिक ग्रंथ का एक अध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें. सफलता अवश्य मिलेगी. सफलता के पश्चात् किसी शुभ कार्य में दानादि दें.
5 व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें- सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें.
6 सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ. फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ. इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है.
7 किसी शनिवार को, यदि उस दिन `सर्वार्थ सिद्धि योग’ हो तो अति उत्तम सांयकाल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें. फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें. उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें. तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है.
८ रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े. उसके दाएँ पैर का नाखून काटें. इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूप दीप आदि से पूजन कर धारण करें. इससे आर्थिक बाधा दूर होती है. कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें. दोनों का एक साथ प्रयोग न करें.
9 प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे. यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें.
10 अक्सर सुनने में आता है कि घर में कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें. जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिला कर पिसवा लें. यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें. फिर घर में धन की कमी नहीं रहेगी.
11 आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पीसने के लिए डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें.
12 शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें.
13 अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात् भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ.
14 संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है. सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए. इससे धन का क्षय होता है.
15 रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है. अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये.
16 भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए. संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है. जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए.
17 सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं. जूठे हाथों से या पैरों से कभी गौ, ब्राह्मण तथा अग्नि का स्पर्श न करें.
18 घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है.
19 अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए. इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है.
20 रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो, तब गूलर के वृक्ष की जड़ प्राप्त कर के घर लाएं. इसे धूप, दीप करके धन स्थान पर रख दें. यदि इसे धारण करना चाहें तो स्वर्ण ताबीज में भर कर धारण कर लें. जब तक यह ताबीज आपके पास रहेगी, तब तक कोई कमी नहीं आयेगी. घर में संतान सुख उत्तम रहेगा. यश की प्राप्ति होती रहेगी. धन संपदा भरपूर होंगे. सुख शांति और संतुष्टि की प्राप्ति होगी.
Astro nirmal
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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