दिल्ली. केंद्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से अग्निपथ योजना को सही माना है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को सही मानते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सोमवार को यह फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने याचिका रद्द करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना राष्ट्रहित में है और यह हमारे सैन्य बलों को बेहतर बनाने के लिए लाई गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया था. याचिकाओं को खारिज करने की मांग करते हुए केंद्र ने अदालत से कहा था कि बाहरी और आंतरिक खतरों का सामना करने वाले भारत के क्षेत्र की रक्षा के लिए चुस्त, युवा और तकनीकी रूप से मजबूत सशस्त्र बलों की आवश्यकता है. सरकार ने आगे तर्क दिया था कि योजना का उद्देश्य युवा लड़ाकू बल तैयार करना है, जो विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित नई चुनौतियों का सामना करने में शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होगा. हाईकोर्ट को अपने फैसले में यह तय करना था कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना सही है या नहीं.
हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस योजना में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं है. अदालत ने कहा, ‘अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया जाता है.’ इसने कहा कि ये योजना राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी कि सशस्त्र बल बेहतर ढंग से सुसज्जित हों. अदालत ने रक्षा सेवाओं में पिछली भर्ती योजना के अनुसार बहाली और नामांकन याचिकाओं को भी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को भर्ती की तलाश करने का निहित अधिकार नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक, आप को लगा झटका
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