ग्रहों के कमजोर होने पर जीवन पर होने वाले प्रभाव

ग्रहों के कमजोर होने पर जीवन पर होने वाले प्रभाव

प्रेषित समय :20:34:00 PM / Wed, Mar 1st, 2023

सूर्य
सबसे पहले बात करते हैं सूर्य ग्रह की. सामाजिक अपयश, पिता के साथ कलह या वैचारिक मतभेद, आंख, हृदय या पेट का कोई रोग होना इस बात को दर्शाता है कि जातक की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में है. जीवन में असंतुष्ट रहना और मुंह में
कमजोर चंद्रमा
घर में पानी के नलों या कुएं का सूख जाना, पालतू दुधारू पशु की मृत्यु हो जाना, माता को कष्ट होना, मन में बार-बार आत्महत्या करने के विचारों का जन्म लेना भी कमजोर चंद्रमा की ओर इशारा करता है.
मंगल
आए दिन कोई ना कोई दुर्घटना होना, घर के बिजली के समान जल्दी खराब हो जाना, विशेषकर जिस कमरे में व्यक्ति रहता है वहां मौजूद बिजली के उपकरणों का कम समय में ही खराब हो जाना, मंगल दोष की वजह से होता है. मंगल के दोषी होने पर रक्त समस्या, भाई से विवाद और अत्याधिक क्रोध जैसी स्थिति जन्म लेती है.
बुध
ज्योतिष विद्या में बुध को व्यापार और स्वास्थ्य का कारक बताया गया है. जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध अशुभ या कमजोर स्थिति में होता है उस व्यक्ति के दांत कमजोर रहते हैं. उसकी सूंघने की शक्ति कम हो जाती है और एक समय के बाद उसे गुप्त रोग होने की संभावना भी प्रबल हो जाती है.
बृहस्पति
अगर किसी विद्यार्थी को पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, किसी के असमय बाल झड़ने शुरू हो गए हैं, अपमान का शिकार होना पड़ रहा है, व्यापार की स्थिति बदतर होती जा रही है, घर में कलह का माहौल बन गया है तो निश्चित तौर पर यह कमजोर बृहस्पति की ओर इशारा करता है.
शुक्र
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह मौज-मस्ती, भोग-विलास और आलीशान जीवन व्यतीत करवाता है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र सही नहीं है तो उस व्यक्ति के मन में भटकाव अवश्य रहेगा. वह अपने हाथ से धन का नाश करता है, उसे चर्म रोग और स्वप्नदोष होने की संभावना रहती है.
शनि
शनि धीमी गति का ग्रह है, अगर किसी की कुंडली में शनि पीड़ित या कमजोर होता है तो उस व्यक्ति का हर कार्य बहुत आराम से होता है. अगर आपके मकान का कोई हिस्सा गिर गया है या टूट गया है तो यह कमजोर शनि की ओर इशारा करता है. वाहन से दुर्घटना या धड़ के निचले हिस्से, विषेकर जांघों के हिस्से में परेशानी कमजोर शनि की वजह से होती है.
राहु
शक, संदेह, मानसिक परेशानियां, आपसी तालमेल में रुकावट, बात-बात पर क्रोधित हो जाना, गुस्से एमं अपशब्द या गाली-गलौज करना, ये सब राहु के परिणाम हैं. कुंडली में राहु के अशुभ होने से हाथ के नाखून टूटने लगते हैं और पेट से संबंधित परेशानियां लग जाती हैं
वाहन से दुर्घटना, मस्तिष्क की पीड़ा, दिमागी संतुलन बिगड़ जाना, भोजन या किसी खाद्य पदार्थ में अकसर बाल दिखना, सामाजिक मानहानि होना, ये सभी राहु ग्रह के दुष्प्रभाव हैं.
केतु
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु अशुभ फलदायी होता है तो उसे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ चर्म रोग भी हो सकता है. वह व्यक्ति खुद अपने लिए ही गलत धारणा बना लेता है जो उसे नुकसान पहुंचाती है. अपने ईष्ट देव का जाप निश्चित रूप से करें.
Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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