बरेलवी उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन का फतवा: धर्म छिपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों से शादी नाजायज

बरेलवी उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन का फतवा: धर्म छिपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों से शादी नाजायज

प्रेषित समय :20:32:19 PM / Sun, Mar 5th, 2023

बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बरेलवी उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रेसवार्ता कर फतवा जारी करते हुए कहा कि शरई रौशनी में पहचान छिपाकर की जा रही शादियों को नाजायज व हराम माना गया है. गौरतलब कि पिछले कई दिनों से लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें मुस्लिम लड़के अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते है और फिर उनसे शादी करते हैं. दरअसल, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रेसवार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कई दिनों से मुस्लिम कौम के कुछ लड़के गैर मुस्लिम लड़कियों से प्रेम प्रसंग कर फिर शादी करने के लालच में गैर इस्लामी रस्मों को अंजाम दे रहे हैं. जैसे कि हाथ में कलवा बांधना, टीका लगना आदि. जहां पर वे सोशल मीडिया पर अपनी इस्लामिक पहचान छुपाकर गैर मुस्लिमों के नाम रखकर लड़कियों से बातचीत करते हैं.

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा प्रेसवार्ता के दौरान पूछा गया कि कुरान व हदीस की रौशनी में ये बताएं कि मुस्लिम नौजवानों का ये सब करना जायज है या नाजायज? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम के मानने वालों को ये ख्याल रखना चाहिए कि इस्लाम ने उन्हें जीने का एक तरीका दिया है. जो काफी बेहतर है. उनके धर्म ने अपने मानने वालों को मुसलमानों के लिए कुछ निशानियां व पहचान भी दी हुई हैं. लेकिन माथे पर टीका लगाने, हाथ में कड़ा पहनने और लाल धागा बंधने, औरतों को सर के बालों में सिन्दूर लगाना, जुन्नार बंधना की इजाजत नहीं है.

ये सब मुसलमानों के लिए नहीं है. चूंकि ये सभी निशानियां दूसरे धर्मों की हैं. इसलिए कोई भी मुसलमान ये चीजें इस्तेमाल नहीं कर सकता. उन्हें इनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. यदि ऐसी हरकत कोई करता है तो वो अपने इस्लाम धर्म और अपने मुसलमान होने की पहचान को छिपा रहा है, जोकि पूरी तरह से नाजायज व हराम है. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जो मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छुपाने की नियत से और दूसरे धर्म की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से ये सब करते हैं वो इस्लाम से निकल जाने के करीब हो जाते हैं. उलेमा ने इस मसले पर विस्तार से रौशनी डालते हुए कहा है कि अल्लाह ताला ने कुरान शरीफ में कहा है कि ऐ मोमिनों गैर-मुस्लिम औरतों से उस वक्त तक निकाह न करों, जब तक वो ईमान वाली न हो जाएं.

इसलिए जो मुस्लिम लड़के हाथों में कड़ा या धागों का कलवा पहनते हैं, सोशल मीडिया पर अपना इस्लामिक नाम छुपाते हैं, या गैर मुस्लिम जैसा नाम रखते हैं, तो वो तौबा के हकदार हैं. इस्लाम ऐसे किसी भी कृत्य से बचने और तौबा करने की हिदायत देता है. ऐसे में जब कोई मुस्लिम लड़का ऐसी किसी भी हरकत में शामिल है या उसकी नीयत और ईमान में खोट पैदा हो रही है. तो वक्त रहते उसे तौबा करनी चाहिए और खुदा की बारगाह में सजदा करना चाहिए. इस्लाम ने जि़ंदगी जीने का जो तरीका और सलीका दिया है. उसी के मुताबिक बसर करें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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