प्रदीप द्विवेदी. मोदी टीम की तमाम प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कोशिशों के बावजूद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शक्ति-प्रदर्शन में कामयाब रही हैं, उनकी सभा में करीब एक दर्जन सांसद, तो चार दर्जन से ज्यादा विधायक और पूर्व विधायक मौजूद रहे!
हालांकि, मोदी टीम ने सियासी इज्जत बचाने का रास्ता निकाला, लेकिन जो एक्सपोज होना था, वह तो हो ही गया?
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले बीजेपी में बतौर पीएम फेस लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान सहित करीब आधा दर्जन नाम सियासी चर्चाओं में थे, लेकिन उद्योगपति मित्रों के दम पर नरेंद्र मोदी सबसे आगे निकल गए!
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ज्यादातर बड़े नेता मोदी टीम की बोनसाई पॉलिटिक्स का शिकार हुए, या तो उन्होंने सियासी समर्पण कर दिया या उन्हें सियासी सन्यास आश्रम भेज दिया गया?
अब बीजेपी में योगी, वसुंधरा राजे जैसे बहुत कम नेता हैं, जो बोनसाई पॉलिटिक्स के जाल में अबतक नहीं फंसे हैं!
लोकसभा चुनाव 2014 तक नरेंद्र मोदी की जो पॉलिटिकल इमेज थी और जनता का जो भरोसा था, वह 2019 तक कम जरूर हुआ था, लेकिन एक मौका और दें, की अपील काम कर गई और नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बन गए? लेकिन.... अब ऐसा नहीं है, 2014 का पीएम मोदी का सियासी जादू हवा हो चुका है!
पिछले राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भी वसुंधरा राजे के लिए राह आसान नहीं थी, लेकिन सरकार ही कांग्रेस की बन गई, इसलिए मुद्दा ही खत्म हो गया.
लोकसभा चुनाव 2019 में वसुंधरा राजे का पूरा सहयोग रहा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद केंद्र के सियासी तेवर बदल गए, केंद्र के मंत्रिमंडल में राजस्थान से जिन्हें जगह मिली वे वसुंधरा राजे की सलाह से तो नहीं थे?
राजस्थान के प्रमुख मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की इस बात में दम है कि- केंद्र सरकार राजस्थान से पूर्व मुख्यमंत्री राजे को पूरी तरह से निपटाना चाहती है?
यदि ऐसा हुआ तो 2024 के लोकसभा चुनाव बीजेपी को बहुत भारी पड़ेंगे, क्योंकि....
एक- इस वक्त सारी लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं, लिहाजा सीटें बढ़ने की तो कोई गुंजाईश नहीं है, कम होने का खतरा जरूर है?
दो- वोट प्रतिशत के नजरिए से देखें तो राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी में कांटे की टक्कर है, यदि वसुंधरा राजे ने सहयोग नहीं दिया, तो बहुत सारी सीटें बीजेपी के हाथ से निकल जाएंगी, क्योंकि वसुंधरा राजे के अलावा बीजेपी के पास कोई नेता नहीं है जिसका पूरे राजस्थान में प्रभाव हो?
सियासी सयानों का मानना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव तक सियासी गेंद मोदी टीम के पास है, लेकिन.... इसके बाद वसुंधरा टीम के पास होगी!
देखना दिलचस्प होगा कि 2023-24 की बीजेपी के अंदर की राजनीति राजस्थान में क्या रंग दिखाती है?
https://twitter.com/i/status/1632012745301454854
Vasundhara Raje @VasundharaBJP
यह शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि सही मायने में भक्ति और दर्शन है, ऐसा भक्ति दर्शन, जिसमें मुझे भगवान के साथ प्रदेशवासियों के दर्शन का अवसर भी मिलता है, मैं सभी 36 क़ौमों और मजहबों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती हूं और खुशी है कि मुझे उन सभी का साथ और आशीर्वाद मिला!
पीएम मोदी के नाम पर मांगे वोट तो चप्पलों से पीटो- हिंदू सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नजरअंदाज करना 2024 में मोदी टीम को भारी पड़ेगा?
नॉर्थ ईस्ट में कमल खिलने BJP में जश्न, पीएम मोदी बोले- अब पूर्वोत्तर न दिल्ली से दूर न ही दिल से
अमेरिकी रिपोर्ट में पीएम मोदी की अगुवाई में देश से आतंकवादियों को उखाड़ फेंकने की कार्रवाई की सराहना
Leave a Reply