नई दिल्ली. देश में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.68 लाख करोड़ रुपये पहुंच चुका है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 10 मार्च तक हुए कलेक्शन में 22.58 प्रतिशत अधिक कलेक्शन रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि, रिफंड एडजस्टमेंट के बाद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.78 लाख करोड़ है जोकि पिछले साल से 16.78 प्रतिशत अधिक है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के प्रवक्ता ने बताया कि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के अनंतिम आंकड़ों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. यह भी कहा कि यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के ग्रॉस कलेक्शन की तुलना में 22.58 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया है.
रिफंड के बाद भी 16.78 प्रतिशत वृद्धि
सीबीडीटी के अनुसार, रिफंड को समायोजित करने के बाद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.73 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 16.78 प्रतिशत अधिक है. यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के कुल बजट अनुमानों का 96.67 प्रतिशत और प्रत्यक्ष करों के कुल संशोधित अनुमानों का 83.19 प्रतिशत है. सीआईटी के लिए विकास दर 18.08 प्रतिशत है जबकि पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) के लिए यह 27.57 प्रतिशत है.
2.95 लाख करोड़ का रिफंड रिलीज
सीबीडीटी प्रवक्ता ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से 10 मार्च 2023 के दौरान 2.95 लाख करोड़ रुपये की राशि का रिफंड जारी किया गया है. यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड की तुलना में 59.44 प्रतिशत अधिक है. शुक्रवार शाम को केंद्र ने राज्य सरकारों को 1,40,318 करोड़ रुपये की टैक्स डिवोलुशन की 14 वीं किस्त जारी की.
राज्यों के विकास व्यय में आएगी तेजी
वित्त मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, इससे राज्यों को अपनी पूंजी और विकास व्यय में तेजी लाने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 1,40,318 करोड़ रुपये की राशि के टैक्स ट्रांसफर की 14वीं किस्त जारी की है, जबकि सामान्य मंथली ट्रांसफर 70,159 करोड़ रुपये है.
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