दिल्ली. दिल्ली की केजरीवाल सरकार अपना बजट आज मंगलवार को पेश नहीं करेगी. इसको लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार से बजट पेश किए जाने की उसे अनुमति नहीं मिली है. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 75 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि बजट बन कर तैयार हो और केंद्र सरकार उस राज्य के बजट को रोक दे. ये तो लोकतंत्र के नाम पर मजाक है.
सौरभ भारद्वाज ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि जी-20 में हम अलग अलग देश के लोगों को बुला रहे हैं. ये लोग क्या सोच रहे होंगे. किसी अस्पताल का एक कर्मचारी या कोई शिक्षक क्या सोचेगा कि उसकी तनख्वाह रोक दी, कारण क्या है? प्रधानमंत्री इस पर एक बयान क्यों नहीं दे देते? सौरभ के अनुसार 20 मार्च की शाम 6 बजे जब बजट रुकने की खबर चली तो मुख्य सचिव बताते हैं कि उसपर आपत्ति थी. जबकि उनके पास 17 मार्च से चि_ी थी. इतने महत्वपूर्ण विषय पर मुख्य सचिव और वित्त सचिव चि_ी को छुपाकर आराम से बैठे रहे. ये सारी चीजें केंद्र के इशारे पर हो रहा है. वरना केंद्र सरकार मुख्य सचिव और वित्त सचिव को निकाले.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये देशद्रोह है कि आप एक राज्य के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं. दिल्ली के दो करोड़ लोगों के खिलाफ ये षड्यंत्र हो रहा है. केंद्र इतने बड़े षड्यंत्र पर चुप क्यों हैं, मतलब साफ है कि ये उनके इशारे पर होता है. बजट बहुत पवित्र होता है. पेश होने से पहले किसी को दिखाया नहीं जाता, तो केंद्र सरकार के बाबू उस बजट पर सही ग़लत कैसे तय करेंगे. ये संवैधानिक व्यवस्था नहीं है. ये एक असंवैधानिक व्यवस्था है जो दिल्ली के लोगों पर थोपा जा रहा है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये झूठ कहा जा रहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट कम और विज्ञापन का ज्यादा है.
बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार का बजट 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. विज्ञापन का बजट तो पिछले वर्ष जितना ही तकरीबन 500 करोड़ है. बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के विज्ञापन दिल्ली में हर जगह लगे हुए हैं, ये आपको नहीं दिखता. बीती रात 9 बजे वित्त मंत्री मुख्यमंत्री ने बजट पर जवाब भेज दिया. दिल्ली सरकार की ओर से 10 मार्च को सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई थीं. सौरभ भारद्वाज के अनुसार दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव हो या वित्त सचिव इनको केंद्र सरकार लगाती और हटती है. इस लोगों पर दिल्ली सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ये अफसर केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं. इन अधिकारियों पर कार्रवाई का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि झूठ की विशेषता यह है कि जब आमने-सामने की लड़ाई हो और कोई सूत्र के पीछे छिपा है तो वो झूठ बोल रहा है. एलजी दफ्तर से सूत्रों के हवाले से ही खबर क्यों आ रही है. जबकि सीएम और वित्त मंत्री ट्वीट कर बता रहे हैं. अगर ये बजट पेश नहीं हुआ तो सारे काम रुक जाएंगे. दिल्ली सरकार के सभी कल्याणकारी योजनाएं रुक जाएंगी. ये बहुत गंभीर मामला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दोस्ती तो पीएम मोदी और सीएम केजरीवाल की भी जोरदार है?
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