सूरत (गुजरात). सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किए गए एक आपराधिक मानहानि मामले में बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषी करार दिया है. राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’
राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी.
मानहानि के केस में कोर्ट में पेश होने के लिए राहुल गांधी सूरत पहुंचे थे। वे पौने 11 बजे सूरत की जिला एवं सत्र अदालत पहुंचे। जहां पर कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें आईपीसी की धारा 504 के तहत मानहानि का दोषी करार दिया। राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था। आईपीसी की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। अभी कोर्ट ने राहुल को दोषी करार दिया है, लेकिन सजा का ऐलान नहीं किया है।
इससे पहले जब राहुल गांधी के सूरत पहुंचने पर एयरपोर्ट के बाहर उनका पोस्टरों के जरिए स्वागत किया। सूरत एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के बीच वह बाहर निकले और आठवा कोर्ट के रवाना हुए। राहुल गांधी के स्वागत के लिए सूरत में कांग्रेस ने बड़ी तैयारी की है। राहुल गांधी जब एयरपोर्ट से बाहर निकले तो वहां उनके स्वागत में शेर-ए-हिन्दुस्तान के पोस्टरों से स्वागत हुआ। कुछ पोस्टरों पर लिखा था कि कांग्रेस नहीं झुकेगी। कोर्ट पहुंचने के रात में तीन स्थानों पर राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वगत किया।
क्या था मामला?
2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि 'सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया। इसके बाद यह केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था। राहुल गांधी को 9 जुलाई, 2020 को सूरत की कोर्ट में पेश होना पड़ा था। पिछले महीने पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद पिछले एक महीने से सूरत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इसमें दोनों पक्षों की तरफ दलीलें रखी गई थी। इस दौरान राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि मोदी कोई समुदाय नहीं है। राहुल गांधी के सारे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थे। ऐसे में उन्हें मानहानि का केस करना चाहिए। इसके बाद सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी।
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