देहरादून. आगामी 22 अप्रैल अक्षय तृतीया को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम और फिर 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ एवं 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी. चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की ओर से पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में मंगलवार 29 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए.
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म किया जाए. देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में दर्शन करवाये जायेंगे. जिन श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए होटलों एवं होमस्टे में बुकिंग करा ली है, उनकी दर्शन के लिए भी व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि व्यवस्थित, सुगम एवं सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूर्ण कर ली जाये. देवभूमि उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ राज्य के अन्य प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर भी जाएं, इसके लिए राज्य के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए.
सीएम ने कहा कि इसके लिए पर्यटन, पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाए. वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपनी यात्रा व्यय का 05 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने की अपील की है. राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुछ उत्पादों को व्यापक स्तर पर प्रमोट किया जाए. जीएमवीएन में भी स्थानीय उत्पादों को रखा जाए. चारधाम यात्रा मार्गों पर क्रैश बैरियर की समुचित व्यवस्था की जाए. यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों की रहने एवं सोने की समुचित व्यवस्था हो.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चारधाम यात्रा मार्ग पर 50 हेल्थ कियोस्क लगायेगी उत्तराखंड सरकार, मिलेगी 70 तरह की जांच सुविधा
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