इस साल मानसून देगा दगा, अनाज की पैदावार कम हो सकती है, महंगाई बढ़ेगी, सामान्य से कम बारिश का अनुमान

इस साल मानसून देगा दगा, अनाज की पैदावार कम हो सकती है, महंगाई बढ़ेगी, सामान्य से कम बारिश का अनुमान

प्रेषित समय :17:58:19 PM / Mon, Apr 10th, 2023

नई दिल्ली. इस साल मानसून सामान्य से कम रहने का अनुमान है. प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने सोमवार 10 अप्रैल को मानसून का अनुमान जारी किया है. इससे देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन को लेकर चिंता बढ़ सकती है. अगर प्रोडक्शन कम हुआ तो महंगाई भी बढ़ सकती है. इससे पहले जनवरी में स्काईमेट ने मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया था और अब उसने अपने उसी आउटलुक को बरकरार रखा है.

इस साल मानसून सामान्य से कम रहने का अनुमान है. प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने सोमवार को मानसून का अनुमान जारी किया है. इससे देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन को लेकर चिंता बढ़ सकती है. अगर प्रोडक्शन कम हुआ तो महंगाई भी बढ़ सकती है. इससे पहले जनवरी में स्काईमेट ने मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया था और अब उसने अपने उसी आउटलुक को बरकरार रखा है.

स्काईमेट के बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज यानी एलपीए की 94 प्रतिशत बारिश हो सकती है. यदि मानसून प्रतिशत का 96 प्रतिशत-104 प्रतिशत होता है तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है. इसी तरह यदि बारिश लॉन्ग पीरियड एवरेज का 104 प्रतिशत से 110 प्रतिशत के बीच होती है तो इसे सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं. 110 प्रतिशत से अधिक होने पर एक्सेस या ज्यादा बारिश हुई, ऐसा कहते हैं. इसी तरह यदि बारिश 90-96 प्रतिशत के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है. 90 प्रतिशत से कम बारिश यानी सूखा पडऩा कहा जाता है.

अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बारिश जरूरी

देश में सालभर जितनी बारिश होती है, उसका 70त्न पानी दक्षिण-पश्चिम मानसून में बरसता है. अब भी हमारे देश में 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत किसान सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है. ऐसे में उनकी पैदावार पूरी तरह से मानसून के अच्छे या खराब रहने पर निर्भर करती है. खराब मानसून होने पर महंगाई भी बढ़ती है. एग्रीकल्चर सेक्टर की भारतीय अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी 20 प्रतिशत के करीब है. वहीं, हमारे देश की आधी आबादी को कृषि क्षेत्र ही रोजगार देता है. अच्छी बारिश का मतलब है कि आधी आबादी की आमदनी फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी हो सकती है. जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी.

इन रीजन में कम बारिश की सबसे ज्यादा संभावना

स्काईमेट के अनुसार देश के नॉर्दन और सेंट्रेल रीजन में कम बारिश होने की सबसे ज्यादा संभावना है. सेंट्रल रीजन गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के महीनों में कम बारिश हो सकती है. वहीं, नॉर्थ इंडिया के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. हालांकि, इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट यानी आईएमडी ने अभी तक बारिश का अनुमान जारी नहीं किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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