#SharadPawar : इस्तीफा घटनाक्रम के तीन बड़े सियासी संकेत? 

#SharadPawar : इस्तीफा घटनाक्रम के तीन बड़े सियासी संकेत?

प्रेषित समय :20:45:06 PM / Fri, May 5th, 2023

अभिमनोज. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, वे अब पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे!

याद रहे, 2 मई 2023 को शरद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने का ऐलान किया था और 5 मई 2023 को उन्होंने ये फैसला वापस ले लिया, उन्होंने कहा कि- मैं फिर से अध्यक्ष पद स्वीकार कर रहा हूं और कार्यकर्ता का अनादर नहीं कर सकता?

यह तो पहले दिन से ही साफ था कि शरद पवार इस्तीफा वापस ले लेंगे, लेकिन इस दौरान उन्होंने तीन बड़े सियासी संदेश दे दिए हैं....

एक- अजित पवार पर एक बार फिर से दांव लगाना मोदी टीम को भारी पड़ सकता है, क्योंकि पार्टी पर शरद पवार का एकाधिकार है.

दो- जो नेता, विधायक बीजेपी के साथ जाने की सोच रहे होंगे, उनके कदम रूक जाएंगे, क्योंकि शरद पवार का सियासी कद कायम है.

तीन- लोकसभा चुनाव 2024 तक बीजेपी की सियासी बेचैनी बरकरार रहेगी और चुनाव में सीटों का घाटा कम करना मुश्किल होगा, क्योंकि जनता सियासी तमाशा देख रही है!

खबर है कि.... प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवार ने कहा कि- कार्यकर्ताओं के प्यार के चलते उस मांग का सम्मान करता हूं, जिसमें मुझे मेरे इस्तीफा वापस लेने की मांग की गई थी.

अजीत पवार की गैर-मौजूदगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि- समिति ने इस बारे में फैसला किया है और इस फैसले के बाद मैंने इस्तीफा वापस लेने का निर्णय किया, सभी एक हैं और इस पर चर्चा हुई है, पार्टी के वरिष्ठ नेता इस समिति में थे.

खबरों की मानें तो.... शरद पवार के इस्तीफे के ऐलान के बाद कैडर्स की तरफ से इमोशनल विरोध प्रदर्शन और आत्मदाह की कोशिशें की गईं, इसके बाद मुंबई में पार्टी के सीनियर नेताओं ने बैठक की और सर्वसम्मति से शरद पवार के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया.

वर्ष 1999 में एनसीपी का गठन करने वाले 82 वर्षीय शरद पवार को उनके पार्टी नेताओं ने इस्तीफे के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था.

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल की अगुवाई में समिति की बैठक में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले, भतीजे अजीत पवार शामिल हुए थे, जहां उत्तराधिकारी पर फैसला लेना था, लेकिन.... प्रफुल्ल पटेल ने इस बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि- समिति ने आज की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला किया और इसमें यह संकल्प लिया गया कि शरद पवार पार्टी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रहना चाहिए, पार्टी के अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे के फैसले का सभी ने एक राय से विरोध किया, हम सभी चाहते थे कि शरद पवार पार्टी के अध्यक्ष बने रहें!

सियासी सयानों का मानना है कि शरद पवार ने बीजेपी की लिए एक नई सियासी चुनौती खड़ी कर दी है?

#SharadPawar : जो शरद पवार कह रहे हैं, पल-पल इंडिया कई बार कह चुका है?

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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