रांची. रांची में टाटा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का उद्धाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. इस मौके पर टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन टाटा स्टील नवल टाटा मौजूद रहे. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह सिंह सहित टाटा के कई वरिष्ठ अधिकारी, डॉक्टर, विधायक और सरकारी अधिकारी मौजूद रहे.
कैंसर अस्पताल में अब हमारे पास वर्ल्ड क्लास की मशीन
राजधानी के कांके में यह आधुनिक अस्पताल तैयार हुआ है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, रांची में टाटा कैंसर अस्पताल का उद्धाटन हुआ है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई चीजें जुड़ती आयी हैं लेकिन कैंसर से संबंधित स्वास्थ्य सुविधा इस प्रदेश में लगभग ना के बराबर था. सरकार बनने के बाद से ही हम लोगों ने इस संबंध में प्रयास किया था. हमारे राज्य में कैंसर के मरीज दूसरे राज्यों में जाया करते थे.हेमंत सोरेन ने कहा, हमने भी कई लोगों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्य भेजा है. आज हमारे राज्य में भव्य कैंसर अस्पताल मौजूद है. आज यह जनता को समर्पित किया जा रहा है. मुझे लगता है कि यह अस्पताल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह सिर्फ अस्पताल नहीं रिसर्च सेंटर भी है. मैं अपील करता हूं कि नवल टाटा जी इसे इस तरह विकसित करें कि राज्य का यह रिसर्च सेंटर राज्य के लिए नहीं देश के लिए मील का पत्थर साबित हो.
कैंसर अस्पताल में अब हमारे पास वर्ल्ड क्लास की मशीन हमारे पास है. तकनीक बदल रही है नयी तकनीक के साथ यह कैंसर अस्पताल आम लोगों को समर्पित. यह हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है.
कैंसर का इलाज आसान हो, बेहतर हो
टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन टाटा स्टील नवल टाटा ने उद्धाटन के दौरान कहा, यह राज्य सरकार के सहयोग से संभव हो सका है. कैंसर से लडऩे के लिए बेहतर सुविधा कम जगहों पर है, कई इलाके के लोगों को लिए यहां पहुंचना संभव नहीं है. बड़े शहरों में कैंसर अस्पताल का बेहतर इलाज होना छोटे शहर में रहने वालों के लिए वहां पहुंचना मुश्किल होता है.
टाटा कैंसर से लडऩे के लिए छह राज्यों में काम कर रहा है. इनमें आंध्र प्रदेश, झारखंड, असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक. इन्हें हम चार समूह में बाट रहे हैं जिनमें लोगों की पहुंच, सुविधा, योजना का लाभ, उच्च गुणवत्ता, जागरूकता. रांची कैंसर अस्पताल सिर्फ मरीजों के लिए इलाज के लिए नहीं है, रिसर्च के लिए भी है. यहां उच्च तकनीक की मदद से डॉक्टर और वैज्ञानिक रिसर्च करेंगे.
कैंसर से लड़ाई अब झारखंड में होगी आसान
इस अस्पताल का शिलान्यास रतन टाटा और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 नवंबर 2018 को किया था. इस अस्पताल में अक्टूबर 2022 से ही ओपीडी आरंभ हो गया था. यहां कैंसर के सभी टेस्ट और इलाज समेत रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी समेत अन्य सुविधा है. इस अस्पताल के आने से झारखंड को कैंसर से लडऩे में और आसानी होगी. कैंसर के बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर या दूसरे राज्यों का रुख करने वाले रांची के लोग अब इस अस्पताल की वजह से बड़ी राहत महसूस करेंगे. कैंसर के मरीजों के लिए यह बड़ी राहत है. कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों का रुख करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. कैंसर रोगी टीएमएच मुंबई का रुख करते थे. वर्तमान में झारखंड के कैंसर रोगियों का इलाज रिम्स में भी होता है.
कैंसर पर रिसर्च भी होगा
इस टाटा कैंसर हॉस्पिटल में ओपीडी का संचालन एक साल पहले से किया जा रहा है. अस्पताल में फिलहाल 82 बेड हैं, जिनमें से 50 फीसदी यानि 41 बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हैं. अस्पताल में 14 ऑपरेशन थिएटर और 28 बेड का आईसीयू हैं. अस्पताल का निर्माण टाटा ट्रस्ट ने किया है. इस अस्पताल की खास बात ये है कि इसमें इलाज के साथ कैंसर पर रिसर्च भी होगा. अस्पताल को मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के समान विकसित किया जाना है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रांची कोर्ट ने अमीषा पटेल के खिलाफ जारी किया वारंट, हो सकती है गिरफ्तारी
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