वडोदरा. पाकिस्तान की जेलों में बंद गुजरात के 184 मछुआरे आज सुबह अपने वतन लौट आए. इन्हें चार दिन पहले रिहा किया गया था. सभी मछुआरे सोमवार सुबह करीब 5 बजे अमृतसर-कोचुवेली एक्सप्रेस ट्रेन से वडोदरा पहुंचे. यहां से बस से कच्छ-पोरबंदर के लिए रवाना हो गए. राज्य के मत्स्य मंत्री राघवजी पटेल ने वड़ोदरा रेलवे स्टेशन पर मछुआरों का स्वागत किया. पाकिस्तान से लौटे मछुआरों में से कुछ 3 साल तो कुछ 4 साल से कराची की जेल में कैद थे.
हर रोज झेलते थे यातनाएं
पाकिस्तानी जेल से लौटे कोडिनार निवासी कांति मकवाना ने बताया- करीब साढ़े तीन साल पहले हम कुछ मछुआरे अरब सागर में मछली पकडऩे निकले थे. तेज हवाओं के चलते हमारी नावें पाकिस्तान की ओर मुड़ गई थीं. हमें पता ही नहीं चला कि हम कब पाकिस्तानी सीमा तक पहुंच गए और वहां की नेवी ने हमें पकड़कर कराची की जेल भेज दिया. हम 11 मई को कराची जेल से रिहा हुए और आज अमृतसर के रास्ते वडोदरा पहुंचे. पाकिस्तानी जेल में हमने हर रोज यातनाएं झेलीं. समय पर खाना नहीं मिलता था, खाना मांगने पर जमकर पीटा जाता था. हमने साढ़े तीन साल बड़ी मुश्किलों के बीच गुजारे.
पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए
वहीं, कोडीनार निवासी लखाभाई ने बताया- हम भी करीब 4 साल पहले मछली पकड़ रहे थे. हमारी नावें पाकिस्तान की समुद्री सीमा में नहीं पहुंची थी. इसके बावजूद पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड ने हमें पकड़ लिया और कराची की लांडी जेल में डाल दिया. यहां हमें 4 साल तक रखा गया. पाकिस्तान जैसी जेल में रहना बहुत मुश्किल है. घर की चिंता और बच्चों के बिछडऩे के बीच के ये 4 साल काफी मुश्किल भरे रहे. पाकिस्तानी पुलिस हमें बहुत पीटती थी. कई-कई दिनों तक हमें अपने बैरक से बाहर तक नहीं आने दिया जाता था.
सरकार के प्रयासों से मछुआरे हुए मुक्त
राज्य के मत्स्य मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि गुजरात के 184 मछुआरे भाई पाकिस्तानी जेलों में कैद थे. उन्हें भारत सरकार के प्रयासों से वापस लाया गया है. गुजरात के साथ आंध्र प्रदेश, दीव और गोवा के मछुआरों को भी रिहा किया गया है. गुजरात के सभी मछुआरों को आज ट्रेन से वड़ोदरा लाया गया और जहां मछुआरों का स्वागत कर बस से उनके गृहनगर रवाना कर दिया गया है.
सोमनाथ जिले से अधिकतम 152
पाकिस्तान से रिहा मछुआरों में गुजरात से 184, आंध्र प्रदेश से 3, दीवान से 4, महाराष्ट्र से 5 और उत्तर प्रदेश से 2 मछुआरे शामिल हैं. गुजरात के 184 मछुआरों में गिर सोमनाथ जिले के 152, देवभूमि द्वारका के 22, जामनगर, जूनागढ़, कच्छ, वलसाड और नवसारी के एक-एक, पोरबंदर के 5 मछुआरे शामिल हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान में बवाल जारी: अल कादिर केस में इमरान खान को राहत, दो हफ्ते की मिली जमानत
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