नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने दावा किया है कि इस सप्ताह नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न्यौता नहीं भेजा गया है. खडग़े ने ये भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी न्यौता नहीं भेजा गया है. राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने को लेकर खडग़े ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
खडग़े ने भाजपा सरकार पर संवैधानिक मर्यादा का बार-बार अनादर करने का आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय को प्रतीकात्मकता में बदल दिया गया है. लोकसभा सचिवालय के अनुसार, पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं.
खडग़े ने मोदी सरकार पर लगाए ये आरोप
ट्विटर पर मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने चुनावी कारणों से दलित और आदिवासी समुदायों के बीच से राष्ट्रपति का चुनाव सुनिश्चित किया. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में भी नहीं बुलाया गया था.
मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है. भारत की संसद भारत गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है, और भारत के राष्ट्रपति इसके सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकारी हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, वह अकेले ही सरकार, विपक्ष और हर नागरिक का समान रूप से प्रतिनिधित्व करती हैं. वह भारत की पहली नागरिक हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर राष्ट्रपति नए संसद भवन का उद्घाटन करते हैं तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा. खडग़े ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मोदी सरकार ने बार-बार मर्यादा का अनादर किया है. भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय भाजपा-आरएसएस सरकार के तहत प्रतीकवाद तक सिमट गया है.
18 मई को लोकसभा स्पीकर ने पीएम मोदी को दिया था निमंत्रण
बता दें कि 18 मई को लोकसभा सचिवालय ने घोषणा की कि स्पीकर ओम बिरला ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें नए भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया. तब से कई विपक्षी नेताओं ने सवाल किया है कि पीएम मोदी को नए संसद भवन का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? उन्होंने तर्क दिया कि विधायिका के प्रमुख को उद्घाटन करना चाहिए न कि सरकार के प्रमुख को.
रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को क्यों नहीं चुना गया?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Delhi: CBI दफ्तर में सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ जारी, धरने पर बैठे आप के बड़े नेता
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