लखनऊ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को वर्ष 2019 के अभद्र और नफरती भाषण के मामले में बड़ी राहत मिली है. एमपी-एमएलए (सेशन कोर्ट) ने आजम खान को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है. ये वही मामला है, जिसमें एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट कोर्ट) ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई थी.
जानकारी के 27 अक्टूबर 2022 को रामपुर की एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट कोर्ट) ने सपा नेता और रामपुर सदर सीट से विधायक आजम खान को अभद्र और नफरती भाषण के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में उनकी सदस्यता को खत्म कर दिया गया था.
आजम ने सेशन कोर्ट में की थी अपील
एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट कोर्ट) के आदेश को चुनौती देने के लिए आजम खान ने एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में अपील की थी. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए आजम खान को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है. कोर्ट ने इस दौरान अपना 70 पन्नों का आदेश भी पढ़कर सुनाया.
उपचुनाव में जीते थे भाजपा के आकाश सक्सेना
एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट का आदेश आने के बाद आजम खान पक्ष में खुशी की लहर है. बता दें कि इसी मामले में आजम खान की विधायकी गई थी. इसके बाद 5 दिसंबर को रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हुआ. आठ दिसंबर को मतगणना में पहली बार रामपुर सीट भाजपा के पाले में आई. भाजपा के प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने रामपुर सदर सीट पर 33 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-UP: फतेहपुर में दूध के टैंकर की टक्कर से ऑटो सवार एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत, दो घायल
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