पल-पल इंडिया (व्हाट्सएप- 8302755688). नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाए पीएम मोदी से करवाने को लेकर हुए विवाद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि.... यदि इस प्रकार के कार्यों को भी राजनीतिक लाभ, प्रचार व श्रेय लेने की प्रवृत्ति की भेंट चढ़ाया गया, तो यह वैश्विक स्तर पर देश की छवि को धूमिल करेगा!
सीएम गहलोत ने ट्वीट किया.... माननीय राष्ट्रपति ही देश के संवैधानिक प्रधान होते हैं, अतः संविधान के सम्मान, सदाचार व सदनों की मर्यादा के अनुरूप नए संसद भवन का उद्घाटन उन्हीं के द्वारा किया जाना उचित होगा.
यदि इस प्रकार के कार्यों को भी राजनीतिक लाभ, प्रचार व श्रेय लेने की प्रवृत्ति की भेंट चढ़ाया गया तो यह वैश्विक स्तर पर देश की छवि को धूमिल करेगा!
वरिष्ठ सांसद और राज्यसभा में कांग्रेस के पूर्व उप नेता आनंद शर्मा ने भी इसको लेकर सवाल किया कि- प्रधानमंत्री मोदी के लिए संसद के नए भवन का उद्घाटन करना संवैधानिक रूप से सही नहीं होगा, सवाल यह उठता है कि क्या इसकी जरूरत है? किसी भी बड़े लोकतंत्र ने ऐसा नहीं किया है!
राहुल गांधी ने हाल ही में ट्वीट कर कहा था- नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने वाले हैं.
#Congress पीएम नरेंद्र मोदी देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान कर रहे हैं? (पल-पल इंडिया 22/5/2023)....
पीएम नरेंद्र मोदी देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान कर रहे हैं, मोदी सरकार पर यह आरोप कांग्रेस ने लगाया है?
दरअसल, 28 मई 2023 को नवनिर्मित संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रस्तावित है, खबरों की मानें तो इसी को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई है और उन्होंने सोमवार को कहा कि- ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने दलित और आदिवासी समुदायों से भारत के राष्ट्रपति का चुनाव केवल चुनावी कारणों से सुनिश्चित किया है!
नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि- लगता है, मोदी सरकार ने केवल चुनावी लाभ के लिए दलित और आदिवासी राष्ट्रपति बनाया है.
खबरों पर भरोसा करें तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के शिलान्यास के मौके पर आमंत्रित नहीं किया गया, ना ही अब राष्ट्रपति मुर्मू को उद्घाटन के मौके पर आमंत्रित किया गया है, जबकि.... राष्ट्रपति भारत का सर्वोच्च विधायी पद और सर्वोच्च संवैधानिक प्राधिकार है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट करते हुए कहा कि- केवल राष्ट्रपति ही सरकार, विपक्ष और नागरिकों का प्रतिनिधित्व करती हैं, वो भारत की प्रथम नागरिक हैं, नए संसद भवन का उनके (राष्ट्रपति) द्वारा उद्घाटन सरकार के लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक मर्यादा को प्रदर्शित करेगा.
उल्लेखनीय है कि सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नए संसद भवन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए का था कि- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
याद रहे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे नए संसद भवन का उद्घाटन करने का आग्रह किया था.
सियासी सयानों का मानना है कि आत्ममुग्ध पीएम नरेंद्र मोदी ऐसा कोई भी अवसर किसी और को देना नहीं चाहते हैं, इसलिए इसकी संभावना शून्य है कि वे नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों करवाएंगे?
#Satyapalmalik पुलिया का भी उद्घाटन होगा तो मोदीजी ही करेंगे! संसद भवन को कैसे छोड़ दें? (पल-पल इंडिया 22/5/2023)....
नवनिर्मित संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 28 मई 2023 को होना है, लेकिन खबरों की मानें तो.... संसद भवन का उद्घाटन पीएम से कराए जाने को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गलत बताया है?
राहुल गांधी का कहना है कि.... नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं, जबकि... संसद भवन का निर्माण पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे उद्घाटन का आग्रह किया था?
राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि- पीएम मोदी इतने आत्ममुग्ध हैं कि फोटो तक में किसी को आगे नहीं आने देते, रेल के उद्घाटन की हरी झड़ी किसी को पकड़ने नहीं देते, तो फिर इतना बड़ा अवसर कैसे हाथ से निकलने देंगे?
पुलिया का भी उद्घाटन होगा तो मोदीजी ही करेंगे....
https://twitter.com/i/status/1660467080075026442
उधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद राहुल गांधी से नाराज हैं, उनका कहना है कि- संसद भवन बनाने का पूरा प्रयास नरेंद्र मोदी का है, जबकि.... नरेंद्र मोदी के कोई अच्छे काम राहुल गांधी को दिखते ही नहीं हैं!
उल्लेखनीय है कि.... संसद की नई इमारत सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत नवीनीकरण कार्य किया जा रहा है, जिसमें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय एवं आवास और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण हो रहा है. नई संसद की लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जबकि वर्तमान के संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है.
देखना दिलचस्प होगा कि.... उद्घाटन कार्यक्रम यथावत रहता है या फिर कोई बदलाव आता है?
#notebandi अजीब दास्तां है ये, कहां शुरू, कहां खतम.... 2000 रुपये के नोट पर 4000 व्यंग्यबाण काहे?
https://palpalindia.com/2023/05/21/delhi-notebandi-RBI-announces-Rs-2000-note-out-of-circulation-corruption-black-money-self-proclaimed-Vishwaguru-news-in-hindi.html
तेलंगाना विधानसभा ने नए संसद भवन के नाम को लेकर पास किया प्रस्ताव, रखी यह मांग
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