नई दिल्ली. यूपीएससी में सिलेक्शन का दावा करने वाले दो कैंडिडेट फर्जी निकले हैं. मध्यप्रदेश के अलीराजपुर और हरियाणा के रेवाड़ी के इन कैंडिडेट्स से मिलते-जुलते नाम वाले कैंडिडेट्स का यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ है. नाम को आधार बनाकर इन्होंने अपने सिलेक्शन का दावा किया था.
इस पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने दोनों फेक कैंडिडेट्स पर पर क्रिमिनल और डिसीप्लिनरी एक्शन लेने की तैयारी कर ली है. मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी और रेवाड़ी के तुषार का नाम शामिल है.
23 मई को सिविल सर्विस एग्जाम का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ था, जिसमें मध्य प्रदेश की आयशा मकरानी ने 184वीं रैंक पाने का दावा किया था, जबकि तुषार ने 44वीं रैंक पाने का दावा किया था. आयोग ने शुक्रवार को बयान जारी करके कहा- दोनों के दावे फर्जी हैं. उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं. ऐसा करके मकरानी और तुषार दोनों ने सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है. इसलिए उन पर एक्शन लिया जाएगा. यूपीएससी सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं.
ये था मध्यप्रदेश की आयशा की 184वीं रैंक का मामला
देवास की आयशा फातिमा और आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर 7811744 दर्ज है. दोनों को एक ही रोल नंबर जारी होना बड़ा सवाल है. हालांकि दोनों का ही दावा है कि उन्होंने परीक्षा और इंटरव्यू दिया था. ये गफलत सामने आने के बाद अलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी के पिता सलीमुद्दीन ने कहा था कि हम यूपीएससी में बात कर रहे हैं. मामले में हम शिकायत भी दर्ज कराएंगे. इस मामले में यूपीएससी ने कहा यह कहा गया है कि आयशा मकरानी के डॉक्यूमेंट्स फर्जी हैं. उसका असली रोल नंबर 7805064 है. आयशा ने पेपर- 1 में 22.22 और पेपर- 2 में 21.09 मार्क्स हासिल किए थे.
एडमिट कार्ड में मामूली फर्क दिखा
दोनों कैंडिडेट मध्य प्रदेश से हैं. देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारीख 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है. आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारीख 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है. जबकि 25 अप्रैल को मंगलवार था.
आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है. क्यूआर कोड स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है, जो एडमिट कार्ड पर दर्ज है. आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर ना तो वाटर मार्क है और ना ही क्यूआर कोड. इसके अलावा, देवास की आयशा फातिमा, जिनके पिता का नाम नजीरुद्दीन है. दूसरा परिवार अलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी पिता सलीमुद्दीन हैं.
क्या था 44वीं रैंक वाले तुषार का मामला
44वीं रैंक पाने वाले तुषार कुमार नाम के दो अभ्यर्थी हैं. एक हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले तुषार है तो दूसरे बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार है. दोनों के एडमिट कार्ड में रोल नंबर भी सेम है. दोनों 44वीं रैंक पर खुद का दावा कर रहे है. भागलपुर के तुषार कुमार ने दूसरे तुषार कुमार के एडमिट कार्ड को फर्जी करार दिया है.
इसके साथ ही बिहार के कैमूर (भभुआ) के एसपी को इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है. वहीं दूसरी तरफ रेवाड़ी निवासी तुषार कुमार इस पूरे मामले को क्लियर करने के लिए गुरुवार को दिल्ली स्थित यूपीएससी के मुख्यालय में पहुंचे है. आयोग के मुताबिक हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के बेटे तुषार का रोल नंबर 2208860 था. उसे पेपर-I में -22.89 नंबर और पेपर-II में 44.73 नंबर मिले थे. इसलिए बिहार के अश्विनी कुमार सिंह के बेटे तुषार कुमार को ही 44वीं रैंक मिली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम का रिजल्ट जारी, ऐसे करें चेक
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