प्रदीप द्विवेदी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल आत्ममुग्ध नेता हैं, जो धर्म और राजधर्म, दोनों के सिद्धांतों को नजरअंदाज करते रहे हैं?
श्रीराम मंदिर.... हिन्दू धर्म के धार्मिक आयोजन का प्रमुख सिद्धांत है कि- कोई भी प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान होता है, तो उसकी पूजा में पति-पत्नी, दोनों की उपस्थिति आवश्यक है, लेकिन श्रीराम मंदिर के आयोजन में नरेंद्र मोदी अकेले ही उपस्थित रहे?
संसद भवन.... भारत के संविधान में राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है, इसलिए संसद भवन का उद्धाटन भारत के राष्ट्रपति को ही करना चाहिए, लेकिन आत्ममुग्ध नरेंद्र मोदी इस राजधर्म को नजरअंदाज करके स्वयं उद्धाटन कर रहे हैं?
इस वक्त देश में संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी प्रतिक्रियाएं जारी हैं....
सबसे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि- संसद भवन का उद्घाटन देश के राष्ट्रपति को करना चाहिए!
खबर है कि.... नए संसद भवन के उद्घाटन पर मचे सियासी संग्राम के बीच शिवसेना ने बीजेपी पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में शब्दबाण चलाते हुए कहा है कि.... पीएम मोदी, संसद का उद्घाटन इस तरह कर रहे हैं, मानों वह भारतीय जनता पार्टी का दफ्तर हो?
यही नहीं, शिवसेना ने सरकार के उस कदम की आलोचना भी की है जिसमें नेता विपक्ष को उद्घाटन में निमंत्रण नहीं दिया गया है!
खबरों की मानें तो.... सामना की संपादकीय में लिखा गया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के भव्य उद्घाटन की तरह ही किया जाएगा, संसद में विपक्ष के नेता का पद प्रधानमंत्री के बराबर होता है, निमंत्रण पत्र पर नेता प्रतिपक्ष का नाम होता तो लोकतंत्र की शोभा बढ़ जाती, संसद की अध्यक्ष महामहिम द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया गया?
सामना में पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए सवाल पूछा गया है कि.... बीजेपी को ’अच्छे दिन’ दिखाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी को उद्घाटन में आमंत्रित किया गया है? या उन्हें भी गेट पर ही रोका जाएगा!
जहां देश के राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया, वहां आपको-हमें आमंत्रित किया जाए या नहीं, क्या फर्क है?
शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि.... बीजेपी लोगों को गुमराह करने में माहिर है, दिल्ली में रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है और 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है, यदि पीएम मोदी बहिष्कार की परवाह किए बगैर उद्घाटन करने का फैसला करते हैं, तो यह उनका मामला है?
बीजेपी के नेता इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि 20 दलों ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया, लेकिन सच्चाई यह है कि 20 प्रमुख दल नए संसद भवन के उद्घाटन के खिलाफ नहीं हैं, विवाद की बात यह है कि राष्ट्रपति के पास उद्घाटन का साधारण आमंत्रण भी नहीं है!
सामना में कहा गया है कि.... राष्ट्रपति के लिए संसद भवन का उद्घाटन करना पारंपरिक होता, लेकिन “मैंने यह नया संसद भवन बनाया है, यह मेरी संपत्ति है, इसलिए उद्घाटन की आधारशिला पर सिर्फ मेरा नाम रहेगा. “मैं और केवल मैं!“ मोदी की नीति है, यह अहंकार लोकतंत्र के लिए हानिकारक है!
#ashokgahlot संसद भवन उद्घाटन! तो.... यह वैश्विक स्तर पर देश की छवि को धूमिल करेगा?
https://www.palpalindia.com/2023/05/24/Rajasthan-CM-ashok-gehlot-Tweet-Inauguration-of-New-Parliament-House-Controversy-President-Constitutional-Head-PM-Modi-news-in-hindi.html
#Congress पीएम नरेंद्र मोदी देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान कर रहे हैं?
https://www.palpalindia.com/2023/05/23/Congress-PM-Narendra-Modi-the-country-first-citizen-President-Draupadi-Murmu-are-insulting-news-in-hindi.html
#Satyapalmalik पुलिया का भी उद्घाटन होगा तो मोदीजी ही करेंगे! संसद भवन को कैसे छोड़ दें?
https://www.palpalindia.com/2023/05/22/delhi-Satyapalmalik-Inauguration-Parliament-House-Prime-Minister-modi-President-Rahul-Gandhi-New-Building-Central-Vista-Project-news-in-hindi.html
पुलिया का भी उद्घाटन होगा तो मोदीजी ही करेंगे....
https://twitter.com/i/status/1660467080075026442
#ModiGovt केवल 17 प्रतिशत लोग मोदी सरकार से संतुष्ट हैं?
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