नई दिल्ली. पांचवीं बार चुनाव जीतकर ओडिशा का कार्यभार संभाल रहे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस वक्त सुर्खियों में हैं. चर्चा में आने का कारण अपनी ही पार्टी बीजू जनता दल के नेता पर एक्शन है. दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग संभाल रहे रोहित पुजारी को नवीन पटनायक ने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल को सिफारिश भेजी है कि पुजारी को मंत्री समूह से बाहर कर दिया जाए. ऐसा करने की मुख्य वजह बतौर मंत्री उनका प्रदर्शन बताया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने सभी मंत्रियों के सालाना प्रदर्शन का रिव्यू किया था. इस दौरान रोहित पुजारी का विभाग सबसे निचले पायदान पर पाया गया. 29 मई को नवीन सरकार ने अपने पांचवें कार्यकाल के चौथे साल की शुरुआत की है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नवीन पटनायक घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा कर लेना चाहते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि हर साल इसी तर्ज पर वो सभी विभाग के प्रदर्शन को रिव्यू करते हैं.
23 साल में पहली बार हुआ ऐसा
एक अधिकारी ने कहा, बीजू जनता दल के सत्ता में आने के बाद बीते 23 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी मंत्री को खराब प्रदर्शन के आधार पर हटाया गया है. खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के मंत्री एटानु सब्यासाची नायक को उच्च शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
इस बयान से विवादों में रहे रोहित पुजारी
बता दें कि ओडिशा के चार ऐसे उच्च शिक्षा संस्थान हैं जिन्हें नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2023 की रिपोर्ट में टॉप-100 में जगह दी गई है. हालांकि इस लिस्ट में एक भी ऐसा संस्थान नहीं है जो राज्य सरकार के अंदर आता हो. विश्वविद्यालय की रैंकिंग की बात करें तो राज्य के उत्कल विश्वविद्यालय की रैंकिंग भी अब 88वें से गिरकर 93वें स्थान तक पहुंच गई है. बीते दिनों रोहित पुजारी अपने एक बयान के चलते भी चर्चा में रहे थे. उन्होंने कहा था कि 60 साल से ऊपर उम्र के लोगों को इलेक्शन नहीं लडऩा चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ट्रेन हादसा: ओडिशा में एक दिवसीय राजकीय शोक, गोवा-मुंबई वंदे भारत ट्रेन लॉन्चिंग रद्द