पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में आज विचाराधीन बंदी सुरेश उर्फ मोनू विश्वकर्मा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. सुरेश की मौत की खबर मिलते ही परिजन व रिश्तेदार पहुंच गए, जिन्होने जेल के बाहर हंगामा करते हुए प्रबंधन पर मारपीट का आरोप लगाया है. परिजनों के हंगामा करने की खबर मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस पहुंच गई, जिन्होने परिजनों को समझाइश देते हुए शांत कराया. वहीं जेल प्रबंधन ने जांच कराए जाने की बात कही है.
हंगामा कर रहे परिजनों का आरोप रहा कि 1 7 जून की रात को अधारताल पुलिस यह कहते हुए सुरेश उर्फ मोनू विश्वकर्मा को अपने साथ ले गई कि उसका गैर जमानती वारंट है. दूसरे दिन 18 जून को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. इसके बाद से सुरेश जेल में ही है. आज जेल से सूचना मिली कि सुरेश की तबियत बिगड़ गई है. इतना सुनते ही परिजन घबरा गए , परिजन जेल जाने की तैयारी ही कर रहे थे कि फिर खबर आई कि सुरेश की मौत हो गई है. शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल अस्पताल पहुंचाया गया है. सुरेश की मौत की खबर से सुनते ही परिजन व रिश्तेदार एकत्र होकर जेल परिसर में पहुंच गए. जहां पर परिजनों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि जब पुलिस ने सुरेश को पकड़ा था तो वह स्वस्थ रहा. परिजनों का आरोप था कि जेल प्रबंधन भी पूछने पर कुछ नहीं बता रहा है कि सुरेश की मौत आखिर कैसे हुई है. परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने की खबर मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, जिन्होने परिजनों को समझाइश देते हुए शांत कराया. वहीं जेल प्रबंधन का कहना था कि मृतक मोनू वर्ष 2018 से अभी तक चार बार जेल आ चुका है. उसे जब जेल में दाखिल कराया गया, उसकी तबियत ठीक नहीं थी, जिसके चलते उसे 18 जून को ही जेल अस्पताल में भरती करा दिया गया था. परिजनों द्वारा सुरेश की मौत पर जेल प्रबंधन पर मारपीट के आरोप लगाए जा रहे है वे गलत है. इस मामले में जुडिशियल जांच कराई जाएगी, जो भी तथ्य सामने आएगें उस आधार आगे की कार्यवाही की जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP के भोपाल, ग्वालियर-जबलपुर समेत 31 जिलों में बिपरजॉय का असर, भारी बारिश का एलर्ट