भोपाल. कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिण-उत्तर प्रदेश पर सक्रिय हो गया है. मानसून द्रोणिका भी उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन दो मौसम प्रणालियों के असर से शनिवार-रविवार को रीवा, सागर, ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है. शेष संभागों के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं. उधर शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात छतरपुर जिले में भारी वर्षा होने से बाढ़ की स्थिति बन गई.
पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक नौगांव में 124.2, खजुराहो में 70.6, रीवा में 49.6, ग्वालियर में 33.6, सीधी में 29.8, गुना में 19.2, मलाजखंड में 18.6, उमरिया में 16.8, रायसेन में 14.4, दतिया में 13.2, भोपाल में 13.1, सतना में 12.3, जबलपुर में 11.6, पचमढ़ी में 10.6, टीकमगढ़ में 10, सागर में 9.6, शिवपुरी में सात, रतलाम एवं दमोह में छह, सिवनी में 5.8, इंदौर में 4.9, धार में 4.8, छिंदवाड़ा में 4.2, नर्मदापुरम में 3.8, उज्जैन एवं नरसिंहपुर में दो और मंडला में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई.
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश से दक्षिण-उत्तर प्रदेश पर सक्रिय है. इसके बिहार की तरफ बढऩे की संभावना है. मानसून द्रोणिका भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. इन दो मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है.
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र कुछ कमजोर पडऩे के बाद बिहार की तरफ बढऩे लगा है. इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी. हालांकि वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद रहने के कारण भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, शहडोल संभाग के जिलों में भी मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है. दो दिन बाद मौसम साफ होने की भी संभावना है. इससे दिन के तापमान में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Jabalpur: 48 घंटे में 12 इंच बारिश, रेड अलर्ट जारी, शहर के कई हिस्से जलमग्न..!
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