पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आज चंबल के पूर्व डकैत मलखान सिंह ने सदस्यता ग्रहण की. मलखानसिंह ने कहा कि कांग्रेस के लिए प्रचार करेगें. जहां पर मेरा प्रचार होगा, वहां कांग्रेस जीतेगी. पहले अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी आज अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया है. 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को साफ कर देंगे. कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर बैठा देंगे.
मलखानसिंह ने कहा कि अन्याय व अत्याचार नहीं बढ़ता तो मैं बागी नहीं बनता. कभी सिद्धांत वाली जानकार भाजपा के लिए प्रचार किए था लेकिन भाजपा में अब अन्याय व अत्याचार बढ़ गया है, बलात्कार हो रहे है, लोगों से उनकी जमीन छीनी जा रही है, जिसके चलते मैं भारतीय जनता पार्टी का त्याग किया है. मलखान सिंह कभी बीहड़ के किंग कहलाते थे, गांव के रामजानकी मंदिर की 100 बीघा जमीन को मंदिर में मिलाने के लिए उन्होने हथियार उठाए थे, उस वे पंच भी थे. मलखान सिंह 2019 में भाजपा ने टिकट ना मिलने पर खफा हुए और पार्टी छोड़ दी. बाद में उन्होंने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया. धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए. वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मलखानसिंह को 20 वर्ष साथ रखकर शोषण किया है. मलखानसिंह अन्याय के खिलाफ बागी हुए थे, उन्होने भाजपा में अन्याय होते देखा तो उनके खिलाफ बगावत की.
मलखानसिंह की पत्नी सरपंच है-
बताया गया है कि मलखानसिंह की पत्नी ललिता राजपूत गुना के आरोन की पुरी सिनगयाई पंचायत से सरपंच है. इस पंचायत में सरपंच व सभी 12 पंच महिलाएं निर्विरोध चुनी गई थी.
एमपी के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह के समक्ष किया था आत्मसमर्पण-
दस्यू किंग मलखानसिंह ने अपनी गैंग के साथ 15 जून 1982 को तत्कालीन अर्जुनसिंह की उपस्थिति में आत्म समर्पण किया था. मलखानसिंह के आत्मसमर्पण को देखने के लिए 30 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ एकत्र हुई थी. इसके बाद मलखानसिंह 6 साल जेल में रहे, 1989 में सभी मामलों से मलखानसिंह को बरी करके रिहा कर दिया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेल न्यूज : उज्जैन-भोपाल-उज्जैन के बीच 10-10 ट्रिप अनारक्षित स्पेशल ट्रेन शुरू
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