नई दिल्ली. देश का मध्यमवर्ग तरक्की की राह पर चल रहा है. पिछले दस साल में मध्यम वर्ग की आय में तीन गुना वृद्धि हुई है. पीएम मोदी ने भारत की शानदार अर्थव्यवस्था की दो रिसर्च डेटा को अपने लिंक्डइन अकाउंट पर शेयर किया है. यह रिसर्च सीनियर जर्नलिस्ट अनिल पद्मनाभन और एसबीआई रिसर्च का है. पीएम मोदी ने लिखा कि भारत समतामूलक और सामूहिक समृद्धि हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है. उन्होंने कहा कि ये विश्लेषण उस चीज़ पर प्रकाश डालते हैं जिससे हमें बहुत खुशी होनी चाहिए. आईए जानते हैं उस डेटा के बारे में जिसको प्रधानमंत्री ने शेयर किया है.
आईटीआर में 9 सालों में अप्रत्याशित वृद्धि
एसबीआई के शोध के अनुसार, आईटीआर रिटर्न के आधार पर कि भारित औसत आय ने पिछले 9 वर्षों में सराहनीय छलांग लगाई है जो कि ्रङ्घ14 में 4.4 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 13 लाख रुपये हो गई है. पीएम मोदी ने कहा कि पद्मनाभन का आईटीआर डेटा का अध्ययन विभिन्न आय वर्गों में कर आधार के विस्तार का सुझाव देता है.
रिसर्च में प्रत्येक ब्रैकेट में टैक्स फाइलिंग में न्यूनतम तीन गुना वृद्धि देखी गई है, कुछ ने लगभग चार गुना वृद्धि भी हासिल की है. इसके अलावा, यह शोध राज्यों में आयकर दाखिलों में वृद्धि के संदर्भ में सकारात्मक प्रदर्शन पर प्रकाश डालता है. 2014 और 2023 के बीच आईटीआर फाइलिंग की तुलना करने पर डेटा सभी राज्यों में बढ़ी हुई कर भागीदारी की एक आशाजनक तस्वीर पेश करता है.
यूपी आईटी रिटर्न दाखिल करने में टॉप पर
यूपी देश में आईटीआर दाखिल करने में टॉप पर है. आईटीआर डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि आईटीआर दाखिल करने के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप परफार्मिंग स्टेट है. जून 2014 में यूपी में 1.65 लाख आईटीआर फाइलिंग की गई लेकिन जून 2023 तक यह आंकड़ा बढ़कर 11.92 लाख हो गया.
पूर्वोत्तर राज्यों में भी आईटीआर में वृद्धि
एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, देश के छोटे राज्यों में आईटी रिटर्न दाखिल करने में काफी वृद्धि हुई है. पूर्वोत्तर अर्थात् मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड ने पिछले 9 वर्षों में आईटीआर फाइलिंग में 20त्न से अधिक की सराहनीय वृद्धि प्रदर्शित की है. रिपोर्ट कहता है कि इससे पता चलता है कि न केवल आय बढ़ी है बल्कि अनुपालन भी बढ़ा है.
पीएम बोले-यह हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये निष्कर्ष न केवल हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं बल्कि एक राष्ट्र के रूप में हमारी क्षमता को भी दोहराते हैं. बढ़ती समृद्धि राष्ट्रीय प्रगति के लिए शुभ संकेत है. निस्संदेह, हम आर्थिक समृद्धि के एक नए युग के शिखर पर खड़े हैं और 2047 तक अपने विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-विपक्षी दलों के गठबंधन दरार, कांग्रेस दिल्ली की सभी सातों सीटों पर लड़ने को तैयार
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