सुधीर गोरे, इंदौर. जमीनी स्वच्छता बनाए रखने में छह साल से अव्वल इंदौर ने हाल ही में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2023 में शीर्ष पर रहने का गौरव प्राप्त किया. 27 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर को देश के 100 स्मार्ट शहरों में से “सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी” का प्रतिष्ठित अवार्ड प्रदान करेंगी. अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शुरू किए गए नेशनल स्मार्ट सिटीज़ मिशन के मुताबिक स्मार्ट सिटीज़ वह हैं जो अपने नागरिकों और पर्यावरण के लिए अनुकूल नीतियां अपनाते हुए शहरी क्षेत्र को नवीन बनाती हैं.
बेस्ट स्मार्ट सिटी इंदौर उन शहरों में अव्वल है जो देश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण को चुनौती के बजाय एक अवसर के रूप में देखते हैं. इंदौर शहर का स्थानीय प्रशासन लगातार नवाचारों के साथ बुनियादी ढ़ांचे का विकास करते हुए नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बना रहा हैं. इंदौर सभी प्रकार की नागरिक सेवाओं के लिए शहर का बुनियादी ढांचा विकसित करने के प्रयासों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है.
देश-विदेश में चर्चित स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर नाबाद ‘नंबर वन’ है. यह जल प्रबंधन और वायु गुणवत्ता सुधार के प्रयासों में भी अग्रणी है. अपने संसाधनों से शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास में इंदौर ने वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग मॉडल जैसे नवाचारों की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक ही कहा है कि "इंदौर एक 'दौर' (एक युग) है जो अपने समय से आगे है."
इंदौर अपशिष्ट प्रबंधन में अग्रणी रहा है. 1,900 टन शहरी कचरे की दैनिक मात्रा को प्रोसेस करना, एक ऐसा प्रयास जो न केवल खासा राजस्व उत्पन्न करता है, बल्कि शहर की बसों के लिए क्लीन एनर्जी भी प्रदान करता है. बेस्ट स्मार्ट सिटी सर्वे की सैनिटेशन (स्वच्छता) कैटेगरी में इंदौर के गोबरधन प्लांट की वजह से पहला स्थान मिला है. निगम ने कचरा प्रबंधन के लिए दूरदृष्टि के साथ टिकाऊ प्रौद्योगिकी में खासा निवेश किया है. इसमें अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने का प्लांट, खाद तैयार करने की सुविधा और बायोगैस प्लांट का सफल संचालन शामिल है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक, "इंदौर सपनों को उपलब्धियों में बदलने वाला शहर है."
इंदौर अपने 11.5 किलोमीटर लंबे इनोवेटिव बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस कॉरिडोर) के जरिये सफल शहरी परिवहन के लिए एक शानदार मॉडल बनकर उभरा है. शहर के पुरस्कार प्राप्त बीआरटीएस ने मोबिलिटी बढ़ाने, वायु गुणवत्ता में सुधार, भीड़ कम करने और सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने में अपनी उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है. इंदौर जल्दी ही अपनी मेट्रो रेल का उद्घाटन करने की तैयारी में है.
इंदौर की उपलब्धियों में सोलर सिटी पहल की क्लीन एनर्जी की दिशा में सकारात्मक प्रगति है. ग्रीन बॉण्ड इश्यू की सफलता जगजाहिर है. इंदौर नगर निगम ने यात्री सुविधाओं पर जोर, सड़क विकास के माध्यम से समृद्धि को बढ़ावा, शहर को 15 से अधिक पुलों का उपहार, 15 नए हॉकर जोन की स्थापना, ऊर्जा दक्षता की दिशा में प्रगति, स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने की दिशा में काम किया है.
नागरिक सेवाओं का विस्तार, अपशिष्ट प्रबंधन को लगातार बेहतर बनाना और सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने के लिए कमर कसना निगम की प्राथमिकताओं में शामिल है. महापौर पुष्यमित्र भार्गव कहते हैं, ''इंदौर के विकास में जनभागीदारी एक परंपरा है. हमने सामुदायिक भागीदारी और नागरिकों की सहमति से विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है.''
जनता के लिए जरूरी सेवाओं के विकास के लक्ष्य हासिल करने में स्वयंसेवी संस्थाओं और गैर-सरकारी भागीदारों के साथ जुड़ने का इंदौर का एक शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. इंदौर शहर में वायु गुणवत्ता की गंभीर समस्या के समाधान के लिए नगर निगम के साथ क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोजेक्ट के बीच चल रहा सहयोग इसकी मिसाल है. क्लीन एयर कैटलिस्ट, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा एक प्रमुख प्रोग्राम है, जो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के नेतृत्व में विभिन्न संस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है.
निगम आयुक्त हर्षिका सिंह कहती हैं, "पिछले तीन वर्षों में नगर निगम और कैटलिस्ट के बीच वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए वैज्ञानिक शोध आधारित साझेदारी जारी है." 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में जिला प्रशासन ने इंदौर की वायु गुणवत्ता को बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए कैटलिस्ट को सम्मानित भी किया.
इंदौर ने कई क्षेत्रों में सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं और अब स्मार्ट सिटी पुरस्कारों की कुछ श्रेणियों में इंदौर शहर को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे जैसे- सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, स्मार्ट प्रशासन, इंटिग्रेटेड कंट्रोल ऐंड कमांड सेटर (आईसीसीसी) बिजनेस मॉडल, मोबिलिटी, सामाजिक बुनियादी ढांचा और इनोवेटिव आइडियाज़ या अभिनव विचार.
"सिटीज़ फॉर पीपल" और "लाइफ बिटवीन बिल्डिंग्स" के लेखक जान गेहल ने कहा है, "हम शहर बनाते हैं और वे हमें". इसी क्रम में स्मार्ट सिटी मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप इंदौर शहर भी एक मिसाल के रूप में अडिग खड़ा है. किसी शहर का ध्यान हमेशा उसके निवासियों की भलाई पर होना चाहिए. इंदौर जैसी स्मार्ट सिटीज़ ने साबित किया है जो शहर लगातार अपने निवासियों के कल्याण को प्राथमिकता देते हैं, वे हर गुजरते दिन के साथ विकसित और बेहतर हो रहे हैं.
इंदौर की यात्रा दूरदर्शी नेतृत्व और समर्पित नागरिकों की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रतीक है. ये एक ऐसा शहर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं जो न केवल फलता-फूलता है बल्कि दूसरों को अनुसरण के लिए एक मानदंड भी स्थापित करता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP: बारिश का नया सिस्टम बना, जबलपुर, इंदौर, शहडोल, रीवा संभाग में होगी बारिश..!
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