यह भी जान लें, जन्म कुंडली में नीच का राहु क्या-क्या नाच नचाता है!

यह भी जान लें, जन्म कुंडली में नीच का राहु क्या-क्या नाच नचाता है!

प्रेषित समय :20:50:47 PM / Mon, Oct 2nd, 2023
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यदि किसी जातक की कुंडली में नीच के राहु का ज्यादा प्रभाव है. वह जातक जीवन भर कष्टों में रहता है. इसके बावजूद अपनी अकड़ पर कायम रहता है और खुद को किसी अवतार से कम नहीं समझता. इतना घमंडी और अति उत्साही हो जाता है किसी को अपने सामने कुछ नहीं समझता है. उसकी सोच ऐसी होती है कि सामने वाला यदि उसकी भलाई की बात कर रहा हो तो उसे भी कहेगा, "तेरे जैसों को तो जेब में रखता हूं, तेरी औकात ही क्या है जो अपने बाप को समझा रहा है." अष्टम भाव में राहु वाला जातक तो हालाँकि पैतृक संपत्ति से भी हाथ धो बैठता है.

जीवन की शुरुआत में उसने अच्छा समय भी देखा होता है बहुत जल्दी सफलता हासिल की होती है या अपने माता पिता के धन वजह से की होती है. लेकिन बाद में कष्ट आना शुरू होता है उस समय भी उसे जीवन भर ऐसा ही लगता है कि मुझे जरूरत नहीं है किसी की . उसे लगता रहता है अकेला ही इस पूरे ब्रह्मांड में आग लगा सकता है (हर कदम पर असफलताओं के बावजूद भी). 
लेकिन यदि जातक थोड़े बहुत उपाय करता है (वो भी बिना ज्योतिषीय सलाह के करेगा क्योंकि खुद को ज्यादा समझदार मानता है) और वह भी काफी देर होने के बाद. तब भी उसकी स्थिति में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. जब सब असलियत मालूम होगी (बहुत कुछ गलत होने के बाद) उस समय वह इतना मजबूर हो चुका होगा की चाह कर भी कुछ नहीं कर पाएगा. क्योंकि उस समय तक उसके मित्र रिश्तेदार भाई बंधुओं से दूर हो चुके होंगे. अपनी मिथ्या खुद्दारी के कारण उनके पास नहीं जाएगा. 

संभवत: ऐसे जातक को कोई महिला मित्र  जरूर मिलेगी जो उसका साथ दे सकती है. क्योंकि वह भी जीवन में काफी संघर्ष व दुख जेल चुकी होगी और इस कारण वह काफी परिपक्व मानसिकता की महिला बन चुकी होगी. यदि इस महिला मित्र से संबंध अच्छे रहे तो काफी सफल होने की खासकर संभावना होगी, यदि एक दूसरे पर पूर्ण विश्वास हुआ तो जो कि काफी मुश्किल काम होगा. क्योकि दोनों की महत्वाकांक्षा सातवें आसमान पर होगी और अहम दोनों के टकराएंगे ही. राहु की शांति ही दोनों में संतुलन पैदा कर सकती है. राजनीती में जाने की इच्छा भी मन में जागृत होगी.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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