सूर्य ग्रहण खत्म होते ही शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि, हाथी पर आयेगी और मुर्गे परे जायगी

सूर्य ग्रहण खत्म होते ही शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि, हाथी पर आयेगी और मुर्गे परे जायगी

प्रेषित समय :20:12:20 PM / Thu, Oct 5th, 2023
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इस बार की नवरात्रि खास है,इसे नवरात्रि से जुडी खास बात यह है कि नवरात्रि के पहले यानी पितृ पक्ष के अंतिम दिन ग्रहण होगा जो भारत एम दिखाई नही देगा लेकिन 15 अक्टूबर को उदय कालीन प्रतिपदा ग्रहण से मुक्त रहेंगी, इसलिए 15 अक्टूबर से महाशक्ति की आराधना का पर्व कलश स्थापना के साथ ही प्रारंभ हो जायेगा, इसमें कोई रुकावट नहीं.
सूर्य ग्रहण काल 
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है जो कि भारतीय समय के अनुसार रात 8 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा 
नवरात्री  की प्रतिपदा तिथि
 इस साल यह तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर होगा, यानि  की 15 अक्टूबर को उदय कालीन प्रतिपदा ग्रहण से मुक्त होगी,ऐसे में पहला नवरात्रि व्रत 15अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा.
*घटस्थापना का शुभ मुहूर्त*
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ की जाती है. नवरात्रि पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.
सूर्य ग्रहण खत्म होते ही करें ये काम
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है लेकिन यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. जहां सूर्य ग्रहण नहीं दिखता वहां सूतक काल भी मान्य नहीं होता. लेकिन हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. इस साल सूर्य ग्रहण खत्म होते ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं इसलिए घटस्थापना से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें,भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण रात्रि के समय होगा. ऐसे में 15 अक्टूबर को सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. साथ ही मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध करें और सभी देवी-देवताओं का स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं. इसके बाद ही घटस्थापना करें.
इस बार भैंस पर सवार होकर आयेगी
 इस बार शारदीय नवरात्रि मे मां दुर्गा भैंस पर सवार होकर आयेगी, माता रानी के चार वाहन है जिस पर सवार होकर वे आती है, पहला शेर, दूसरा हाथी, तीसरा नाव और चौथा पालकी, माता जिस वाहन पर आती है उसी पर वापस जाति है तो ये शुभ मानत जाता है लेकिन यदी ये अलग अलग हुए तो दिक्कत हो जाती है, इस बार ऐसा ही होगा माता हाथी पर सवार होकर आ रही है यह एयर शुभ है लेकिन जा रही है मुर्गे पर जिससे कुछ अशुभता या अनहोनी कर संकेत मिलता है.
*इस बार नवरात्रि मे तिथियों मे घटा बड़ी नही है, क्षय और वृध्दि नही है अर्थात सभी तिथि पुरी है अर्थात नव दिन पुर्ण रहेंगी नवरात्रि.

*पंडीत चंद्रशेखर नेमा 'हिमांशु'
    9893280184

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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