दो कविताएं: हम सब हिंदुस्तानी हैं / क्या है इस समाज में?

दो कविताएं: हम सब हिंदुस्तानी हैं / क्या है इस समाज में?

प्रेषित समय :15:56:39 PM / Sat, Oct 14th, 2023
Reporter :
Whatsapp Channel

हम सब हिंदुस्तानी हैं

महिमा जोशी
कन्यालीकोट, उत्तराखंड

ना पूछो ज़माने से कि
क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान बस इतनी है
कि हम सब हिंदुस्तानी हैं
देश से करते प्यार इतना
कि जान भी गंवाई है
मत पूछो हम कौन हैं?
हम सब हिंदुस्तानी हैं
नेहरू, गांधी और शास्त्री
सबकी एक ज़ुबानी थी
मत पूछो वो कौन थे
वो सब हिंदुस्तानी हैं
वो मां होती है खुशनसीब
जिनके बच्चों का बलिदान,
आता है देश की मिट्टी के नाम,
मत पूछो वो कौन थे
वो सब हिंदुस्तानी हैं

क्या है इस समाज में?

काजल गोस्वामी
कक्षा - 10वीं
गरुड़, उत्तराखंड

लड़की ही जन्म देती है
लड़की ही सिखाती है
मगर जब निर्णय की बारी आती
फिर लड़की क्यों पराई हो जाती
क्या है इस समाज में?
जहां लड़के को ही पूजा जाता है
जब हो किसी लड़की पर अत्याचार
फिर भी उसको ही कोसा जाता है
लड़की को ही सिखाया जाता है
पराया धन हो, पढ़कर करोगी क्या?
लड़की हो थोड़ा संभलकर चलना
संस्कार की गठरी जीवन भर उठाना
मगर क्यों लड़कों को नहीं सिखाते?
सबको अपनी बहन समझना
किसी लड़की पर अत्याचार मत करना
उसकी आशाओं को मत तोड़ना
तब जाकर अत्याचार होगा बंद
और होगा हर बुराई का अंत
(चरखा फीचर)

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

दो कविताएं: बरसात का मौसम आया है / काश ! हमारे भी पंख होते

दो कविताएं: मां करती है घर का सारा काम / ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?

दो कविताएं: सुकून से भरा है जहां / क्यों करते है वो ऐसा?

दो कविताएं / आज की किशोरियां कल का भविष्य