दो कविताएं: मां करती है घर का सारा काम / ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?

दो कविताएं: मां करती है घर का सारा काम / ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?

प्रेषित समय :15:57:09 PM / Fri, Jul 21st, 2023

मां करती है घर का सारा काम

अक्षिता
कक्षा-8
चोरसौ, उत्तराखंड

मां करती है घर का सारा काम,
कभी न रखती अपना ध्यान,
खेती बाड़ी सब है करती,
फिर भी सबके ताने सुनती,
हमको अच्छी बातें बताती,
समाज में जीना सिखाती,
सारे दुख हमसे छिपाती,
फिर भी वह सदा मुस्कुराती,
बुरे काम से हमें रोकती,
अच्छे कामों की नसीहत देती,
ऐसी है कुछ मेरी मां,
सबसे अच्छी प्यारी मां..

ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?

मंजू धपोला
कपकोट, बागेश्वर
उत्तराखंड

ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?
हर कदम पर उलझी सी ही क्यों है?
मन को मन जैसा ना मिला,
किस्से कहानियों में फंसी क्यों है?
ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?
किसी मझधार में डूबी जैसी,
हर तकल्लुफ में सुकून भरे दर्द जैसी,
कविता में लिखे किसी खास पंक्ति जैसी क्यों है?
ऐ जिंदगी तू इतनी हसीन क्यों है?
ना जाने तू इस ग़ज़ल जैसी क्यों है?
कि तुझे मौत की कफन सा संवारना चाहूं,
बिखरी हूं जितना भी जिंदगी में, 
खुद से ही खुद को संभालना चाहूं,
कोई पूछे कि कैसी है जिंदगी? 
तो मुस्कुरा कर उसको कहना चाहूं,
के खुशियों और दुखों की हिसाब जैसी,
किसी अनसुनी कहानियों की किताब जैसी,
गरीबों के लिए गर्मी की बरसात जैसी,
मिट्टी में मिली किसी राख जिंदगी,
फिर भी 'मंजू' कहे किसी हसीन ख्वाब जैसी,
बता क्यों है इतनी खास तू ऐ जिंदगी?

चरखा फीचर

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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