वास्तु शास्त्र के अनुसार चारदीवारी आवश्यक क्यों, और कैसी होनी चाहिए

वास्तु शास्त्र के अनुसार चारदीवारी आवश्यक क्यों, और कैसी होनी चाहिए

प्रेषित समय :19:38:21 PM / Fri, Oct 20th, 2023
Reporter :
Whatsapp Channel

चार दीवारी  की दीवारें हमेशा  दक्षिण व पश्चिम में ऊंची होनी चाहिए, यदि मोटी भी हो तो और भी उत्तम है, ऐसी दीवारें आरोग्य व धन लाभ देने में सहायक होती हैं.इस
दिशा की दीवारों को यदि सभी दिशाओं की दीवारों से ऊंचा रखा जा सके तो ये गृह स्वामी को यश, सम्मान, धन सुख देने में सक्षम होती हैं.

इसके विपरीत यदि  ईशान  की दीवार घर की अन्य दीवारों से सबसे ऊंची बना दी गयी है तो यह गृहस्वामी के सभी कार्यो में बाधा परेशानी उत्पन्न करेगी, और पुत्र-पौत्रों पर भारी पडेगी.मानसिक परेशानी रहेगी

पूर्व दिशा की चारदीवारी  यदि ऊंची होती है तो गृहस्वामी के ऐश्वर्य की हानि करती है.आनंद में कमी हो जायेगी 
उत्तर की दीवाल यदि सब से ऊंची कर दी तो धन का खर्च ज्यादा हो जायेगा या बचत में कमी आने लगेगी और स्त्रियां बीमार रहेगी
घर के वास्तु की दीवार तथा चारदीवारी  की दीवार में अन्तर रखना आवश्यक है. और आप पूर्व और उत्तर की एरिया में थोड़ा खुलापन रखे पश्चिम और साउथ की तरफ कम जगह रखे.
चार दिवारी में यह भी ख्याल रखना चाहिए की यह भवन की दीवाल से ऊंची न हो जाए अन्यथा गृह स्वामी की प्रगति रुक सकती है
चार दिवारी में एक से अधिक दरवाजा रखना सही रहता है चाहे एक छोटा ही रख लो 
सबसे बड़ा प्रश्न है कि
चारदीवारी की आवश्यकता ही क्या है ?

वास्तु शास्त्र का उदय और उसकी संरचना सृष्टि के पंचभूतात्मक सिद्धान्त पर ही आधारित है. जिस प्रकार हमारा शरीर पंचमहाभूतों से मिलकर बना है, उसी प्रकार किसी भी भवन के निर्माण में यदि पंचमहाभूतों का पर्याप्त ध्यान रखा जाये, तो भवन में रहने वाले सुख से रहेंगे. इसलिए कहा गया है- *"यत् पिण्डे तत् ब्रह्माण्डे".*किसी भी आवासीय या औद्योगिक प्रतिष्ठान के चारों तरफ चारदीवारी बनाने के बाद ही पंच तत्वों का सामंजस्य स्थापित हो पाता है. इन पांच तत्वों के सही समिश्रण से ही उस भवन के अंदर Bio- Magnetic Energy की उत्पत्ति होती है, जिससे उस भवन में वास करने वाले स्वस्थ एवं सुखमय जीवन प्राप्त कर पाते हैं और इसलिए कहा जाता है कि- वास्तुशास्त्र एक व्यवहारिक विज्ञान है.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

वास्तुविद के लिए सबसे जरूरी स्वयं की ऊर्जा का स्तर बढ़ाना

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा राजनीतिकों के लिए बहुत लाभकारी

वास्तु शास्त्र के अनुसार एक आदर्श फैक्ट्री के लिए दिशा निर्देश

विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का विधिवत अनुष्ठान करने से सभी ग्रह, नक्षत्र, वास्तु दोषों की शांति होती

वास्तु और चाबी

वास्तु के अनुसार हर दिन पीली सरसों को घर में छिड़कना चाहिए