राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 83 नामों की लिस्ट जारी कर कार्यकर्ताओं और अपने पदाधिकारियों को दोबारा से यह संदेश दे दिया है की जिताऊ उम्मीदवार को मौका जरूर मिलेगा. हालांकि भाजपा ने जो 41 नाम की पहली लिस्ट जो जारी की थी, उसमें कई बड़े हैवीवेट सांसदों को उतारा था. उसके बाद उठे विरोध को देखते हुए दूसरी लिस्ट में भाजपा आलाकमान ने अपने स्तर पर दोबारा से एक सर्वे करवाया था.
वहीं, भाजपा संगठन और संघ ने एक-एक नाम का पैनल तैयार किया. उसके बाद तीनों पैनल में जो जिताऊ उम्मीदवार था. लिस्ट में उसका नाम फाइनल किया गया. शनिवार को जारी लिस्ट में पूरी तरह से वसुंधरा राजे के करीबियों को टिकट देकर अलाकमान ने डैमेज कंट्रोल किया है. वहीं विद्याधर नगर सीट पर दिया कुमारी को टिकट मिलने से नाराज पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरव सिंह शेखावत के जमाई नरपत सिंह राजवी के खुलकर विरोध करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व में उन्हें साधने के लिए चित्तौड़गढ़ से टिकट दे दिया.
हालांकि जैसे ही राजवी का नाम चित्तौड़गढ़ सीट से फाइनल हुआ तो चित्तौड़गढ़ में भी राजवी का विरोध शुरू हो गया. 83 की लिस्ट में 8 विधायकों के टिकट काटे गए हैं और 16 सीटों पर चेहरे बदल कर भाजपा आलाकमान ने चौंका दिया है. जिनमे नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को चुरू की बजाय तारानगर सीट से उतारना बड़ा निर्णय माना जा रहा है.
वसुंधरा राजे के करीबी रहे पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, वासुदेव देवनानी, हेमसिंह भड़ाना, ओटाराम देवासी,अनिता भदेल, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, विधायक हम्मीर सिंह भायल, जोगेश्वर गर्ग, समाराम गरासिया, जगसीराम कोली, प्रतापलाल गमेती, बाबूलाल खराड़ी, फूल सिंह मीणा, झब्बर सिंह सांखला, विट्ठल शंकर अवस्थी, गोपीचंद मीणा, अशोक डोगरा, हीरालाल नागर, संदीप शर्मा, प्रताप सिंह सिंघवी, कालूलाल मेघवाल, धर्मेंद्र मोची, सिद्धी कुमारी, सुमित गोदारा, प्रेमसिंह बाजौर, झाबर सिंह खर्रा, भजनलाल शर्मा, कैलाश चन्द वर्मा, मंजीत धर्मपाल चौधरी, डॉ शैलेष सिंह, सुरेश सिंह रावत, शंकर सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह राठौड़, दीप्ति माहेश्वरी, जैसे नेताओं को बीजेपी से उम्मीदवार बनाया गया है.