एर्नाकुलम. केरल के एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 28 अक्टूबर को दक्षिण रेलवे को ट्रेन लेट होने पर एक यात्री को 60,000 रुपए देने का आदेश दिया है. उपभोक्ता अदालत ने एक यात्री को ट्रेन के 13 घंटे से अधिक की देरी के कारण असुविधा, मानसिक पीड़ा और वित्तीय कठिनाई के लिए यह मुआवजा देने का आदेश दिया.
एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने चेन्नई में एक निजी फर्म में कार्यरत कार्तिक मोहन द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में 18 अक्टूबर को फैसला सुनाया. शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने चेन्नई में एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने की उम्मीद में एर्नाकुलम से चेन्नई के लिए 22640 अलाप्पुझा-चेन्नई एक्सप्रेस में टिकट बुक किया था. हालांकि, ट्रेन 13 घंटे से ज्यादा देर हो गई, जिससे न केवल शिकायतकर्ता को समस्या हुई, बल्कि नीट परीक्षा के उम्मीदवारों सहित ट्रेन में सवार कई यात्रियों को भी परेशानी हुई.
रेलवे ने दिया तर्क
रेलवे ने तर्क दिया कि चेन्नई डिवीजन के अराक्कोनम में पुनर्निर्माण कार्य के कारण ट्रेन में देरी हुई. इसमें यह भी कहा गया कि शिकायतकर्ता सहित सभी आरक्षित यात्रियों को एसएमएस पर सूचनाएं भेजी गईं, उन्हें देरी की सूचना दी गई और वैकल्पिक परिवहन विकल्प सुझाए गए. इसके अतिरिक्त, यात्रियों को पूरा रिफंड भी उपलब्ध कराया गया.
आयोग ने सुनाया फैसला
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आयोग ने फैसला सुनाया, यात्री के समय का महत्व निर्विवाद है, अनचाही देरी के कारण विशेष रूप से शिकायतकर्ता को काफी असुविधा और परेशानी हुई. हालांकि टिकट बुकिंग के समय यात्रा का उद्देश्य नहीं बताया गया था, आयोग ने कहा कि रेलवे को समय पर और कुशल सेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केरल में हमास के समर्थन में रैली, 'बुलडोजर हिंदुत्व को उखाड़ फेंको' का लगा नारा
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