राजस्थान चुनावः बीजेपी मजबूत फिर भी सतर्क, तो कांग्रेस के कदम सावधान

राजस्थान चुनावः बीजेपी मजबूत फिर भी सतर्क, तो कांग्रेस के कदम सावधान

प्रेषित समय :17:35:43 PM / Tue, Oct 31st, 2023
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-निरंजन परिहार

राहुल गांधी और उनकी पूरी कांग्रेस भले ही कह रही हो कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने बेहद बढ़िया काम किया है, लोग उनके काम को पसंद कर रहे हैं, इसलिए फिर से उनकी सरकार आ रही है. इसके साथ ही गहलोत के धुर विरोधी सचिन पायलट भी गहलोत सरकार के गुणगान करने में भले ही लग गए हों, लेकिन राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जो अंदेशा आ रहा है, कांग्रेस की नींद उड़ी हुई है.  चुनाव के पहले हुए दो सर्वे में कांग्रेस को राजस्थान की 200 सीटों में से बहुमत की 101 से बेहद कम सीटें, महज 49 से 72 सीटें ही  मिलती दिख रही हैं और बीजेपी 121 से 129 तक सीटें मिल रही हैं. एक सर्वे है ‘इंडियाटीवी – सीएनएक्स’ का और दूसरा है ‘प्राइम टाइम इंडिया’ का.  ज्यादा सीटें जीतकर साफ तौर पर सत्ता में आती बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस इसीलिए टिकट बंटवारे में बेहद सधे हुए कदमों से आगे बढ़ती दिख रही है और चुनाव से तीन महीने पहले उम्मीदवारों का ऐलान करने की घोषणा करने वाली कांग्रेस तीन सप्ताह पहले भी उम्मीदवार फाइनल नहीं कर पाई है. हालांकि, मतदान में अभी बहुत दिन बाकी है, और कब हालात बदल जाएँ, कहा नहीं जा सकता.ऐसे में बीजेपी मजबूत है, फिर भी सतर्क दिख रही है, तो कांग्रेस के कदम सावधानी दिखा रहे हैं.

कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी हालांकि अपनी एजेंसियों के सर्वे पर भरोसा करके ही उम्मीदवार तय कर रहे हैं.  लेकिन ताजा सर्वे से वे भी सांसत में हैं. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी के चेहरे की लाली बढ़ रही है, तो गहलोत के गुलाबी अभियान का रंग फुर्र होता नजर आने लगा है. वसुंधरा राजे की चुनावी सक्रियता ने बीजेपी को बढ़ती दी है, तो राहुल गांधी की राजस्थान के प्रति अब तक की उदासीनता से कांग्रेसियों में उत्साह का माहौल बनता नहीं दिख रहा. प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कांग्रेस में ले दे कर पायलट के समर्थक सक्रिय है, लेकिन उनमें से भी आधे तो कांग्रेस में पायलट की अवहेलना का रंज भुला नहीं पा रहे हैं. ‘इंडियाटीवी – सीएनएक्स’ की ओर से कराए गए सर्वे में जयपुर-धौलपुर में बेहतर बीजेपी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. अगर इन दो प्रमुख इलाकों की बात करें तो यहां कांग्रेस को नुकसान और बीजेपी को साफ तौर पर बड़ा फायदा पहुंचता दिख रहा है. जयपुर-धौलपुर में कुल 48 विधानसभा की  क्षेत्र हैं, जिनमें 28 पर बीजेपी जीत दर्ज करती दिख रही है, जबकि कांग्रेस 17 पर जीत सकती है और बची हुई सीटें अन्य के खाते में जाने की उम्मीद है. इसी तरह से, टोंक-कोटा की बात करें तो सचिन पायलट के गढ़ में मुकाबला थोड़ा टाइट नजर आ रहा है, फिर भी यहां की कुल 24 सीटों में से 15 पर बीजेपी जीतती दिख रही है, तो 9 पर कांग्रेस को जीत के आसार नजर आ रहे हैं. मारवाड़ और मेवाड़ इलाकों में ‘इंडियाटीवी – सीएनएक्स’ व ‘प्राइम टाइम इंडिया’ दोनों को कांग्रेस को कोई लाभ नजर नहीं आ रहा.

‘प्राइम टाइम इंडिया’ के एक ओपिनियन पोल में जो तथ्य सामने आए हैं, वे कह रहे हैं कि प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है. जनता का मूड देखकर कहा जा सकता है कि साफ तौर पर बीजेपी की वापसी हो रही है. इस पोल के मुताबिक कांग्रेस  अगर तीन महीने पहले तकरीबन 100 कड़ी टक्कर वाली सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर देती, तो फिर सत्ता में आना आसान होता. लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा में देरी से कांग्रेस का नुकसान बढ़ता जा रहा है. ‘प्राइम टाइम इंडिया’ के इस ओपिनियन पोल में हालांकि, कुछ इलाकों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला होगा, मगर अंततः बीजेपी ताकतवर होकर उभरेगी. मारवाड़ और मेवाड़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है, तो पूर्वी राजस्थान में तो पायलट समर्थक गहलोत को मजा चखाने के मूड में साफ नजर आ रहे हैं. ताजा ओपिनियन पोल के मुताबिक, राजस्थान में बीजेपी को सीधे वॉकओवर मिलता लग रहा है.  कांग्रेस कुछ इलाकों में उसे कड़ी टक्कर देगी मगर ‘प्राइम टाइम इंडिया’ का बीजेपी के खाते में 125 सीटों के आने का दावा है और कांग्रेस को 56 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. बीजेपी की वापसी की वजह यही है कि कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों पर जबरदस्त भ्रष्टाचार के आरोप हैं. 

ओपिनियन पोल में यह भी सामने आया है कि कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों का राजनीतिक चरित्र बीजेपी की जीत में सबसे बड़ी ताकत है, और साथ ही जाति फैक्टर का अहम रोल होने वाला है. पिछली बार की तरह गुर्जर कांग्रेस के साथ पूरी तरह से नहीं है. सचिन पायलट को सत्ता से बेदखल करने की गुर्जरों की नाराजगी और जाटों में हनुमान बेनीवाल की सेंध कांग्रेस के लिए घातक साबित हो रही है. राजस्थान की अगड़ी जाति जिसमें ब्राह्मण, बनिया और राजपूत अहम हैं. ओपिनियन पोल कहता है कि 73 प्रतिशत ब्राह्मण, बनिया और राजपूत वोट इस बार बीजेपी को मिल रहा है, जबकि अगड़ी जातियों के सिर्फ 15 प्रतिशत वोट कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है. पिछड़ी जातियों यानी ओबीसी में पिछले पांच सालों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा सचिन पायलट दोनों ओबीसी के नेता होने के बावजूद कांग्रेस के लिए ओबीसी का वोट बचाकर रख पाने में असफल रहे हैं. 62 फीसदी ओबीसी वोट बीजेपी को जाता दिख रहा है. वहीं कांग्रेस को यह वोट केवल 32 प्रतिशत तक ही मिल सकता है. गुर्जर अगर एकमुश्त होकर पायलट के समर्थन में जुट जाएं, तो यह आंकड़ा कुछ हद तक बढ़ सकता है.  पिछली बार राजपूत वोट बीजेपी से नाराज था, जाट और गुर्जर भी अलग थे. लेकिन ‘प्राइम टाइम इंडिया’ के पोल में साफ तौर पर इस बार गुर्जरों का एक बड़ा धड़ा बीजेपी के समर्थन में है, तो राजपूत व ओबीसी के समर्थन से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है. वैसे, चुनाव अभी शुरू हुआ है और नामांकन फाइनल होने हैं. मतदान होते होते तस्वीर फिर से बदलेगी, लेकिन किस तरफ ज्यादा मजबूती रहेगी, इस पर सबकी नजर है.

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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