पलपल संवाददाता, मैहर. मध्यप्रदेश के मैहर स्थित त्रिकूट पर्वत पर विराजी माता शारदा देवी मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित देवी प्रसाद महाराज का आज निधन हो गया. उनके बैकुंठवास की खबर आते ही मैहर और सतना में शोक की लहर छा गई. जिसने भी प्रधान पुजारी के निधन की खबर सुनी तो स्तब्ध रह गया. उन्होने दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली. लम्बे समय से अस्वस्थ चल रहे वे पिछले काफी समय से बीमार चले रहे पंडित देवीप्रसाद महाराज को दो दिन पहले ही दिल्ली ले जाया गया था. पंडित देवी प्रसाद 75 साल के थे. वे अपने पिता जी के बाद शारदा देवी मंदिर के प्रधान पुजारी बने थे.
बताया जाता है कि 12 वर्ष की कम उम्र में ही पंडित देवी प्रसाद जी का मन पूजा-पाठ में लग गया था, कई दशकों तक माता शारदा देवी की पूजा अर्चना करते आ रहे देवीप्रसाद महाराज ने मातारानी को प्रसन्न करने के लिए तीन बार अपनी जीभ चरणों में समर्पित की. वे घर से मंदिर व मंदिर से घर तक ही आते-जाते थे. वे कभी मैहर की गलियों में तक को जानने की इच्छा नहीं रखते थे, उनके लिए घर के बाद दूसरा स्थान सिर्फ मंदिर ही रहा. शांत स्वभाव के धनी पंडित देवी प्रसाद महाराज का आसन मंदिर की पहाड़ी में बनी गुफा में ही लगता था. उसी गुफा में वे भक्तों से मिलते और आशीर्वाद देते थे. पिछले कुछ समय से मन्दिर के प्रधान पुजारी का जिम्मा उनके बड़े बेटे पवन पांडेय महाराज संभाल रहे हैं. इसके बाद भी वे गुफा में ही रह कर व्यवस्थाओं पर पूरी नजर रखते थे. मंदिर में आने वाले भक्तों को कोई दिक्कत व परेशानी न हो, इसबात का विशेष ध्यान रखा जाता था. यहां तक कि इस वर्ष शारदेय नवरात्र पर वे घर जाने के बजाय मंदिर में ही रहे. जब तबियत बिगड़ी तो परिजनों द्वारा आग्रह करने पर घर गए. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि उनकी पार्थिव देह दिल्ली से मैहर लाई जा रही है, साथ में दोनों पुत्र पवन महाराज व दिप्पू पांडेय है. पंडित देवी प्रसाद महाराज का अंतिम संस्कार मैहर में किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने 4 प्रत्याशी और बदले, अब तक 7..!
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