श्री राम भक्त हनुमान जी के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र सभी प्रकार के कष्ट का निवारण करते हैं
मंत्र श्री हनुमान मूल मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥
द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र: हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
फल: से इस मंत्र के बारे शास्त्रो में वर्णित हैं की यह मंत्र स्वतंत शिवजी ने श्रीकृष्ण को बताया और श्रीकृष्ण नें यह मंत्र अर्जुन को सिद्ध करवाया था जिसे अर्जुन ने चर-अचर जगत् को जीत लिया था.
प्रेत बाधा दूर करे चमत्कारी हनुमान मंत्र:
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी का नाम लेने से भूत-प्रेत आदि सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. यदि आप भी ऐसी ही किसी बाधा से पीडि़त हैं तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र से इस समस्या का हल संभव है. यदि इस मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो कुछ ही समय में ऊपरी बाधा का निवारण हो सकता है. यह हनुमान मंत्र इस प्रकार है
मंत्र :हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:. अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते..
जप विधि : स्वच्छ अवस्था में यानी स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें. तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें. इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा.
मुसीबतों को दूर करे हनुमान मंत्र
हिन्दू धर्म शास्त्रों श्री हनुमान की इसी शक्ति और महिमा का गान करते हुए उनको शक्ति स्वरूपा माता सीता के शोक का नाश करने वाले देवता बताकर जानकी शोक नाशनम् कहकर पुकारा गया है. संकेत है कि श्री हनुमान की उपासना जीवन से हर शोक दूर रखती है. चूंकि श्री हनुमान मंगलमूर्ति भगवान शिव के अवतार भी हैं. यही कारण है कि संकट और शोक नाश के लिए श्री हनुमान की उपासना परंपराओं में शिव भक्ति की तरह आसान उपाय भी बताए गए हैं. इनको श्री हनुमान की उपासना में आचरण व विचारों की पवित्रता के साथ अपनाना निर्भय और बेदाग जीवन का मंत्र भी माना गया है. नीचे बताई पूजा सामग्री और विशेष छोटे-पर असरदार हनुमान मंत्र से श्री हनुमान की उपासना आज करना न चूकें !
मंत्र : ॐ हं हनुमंताय नम:.
जप विधि : स्नान के बाद श्री हनुमान मंदिर में जाकर श्री हनुमान की पूजा में केसर चंदन, अक्षत, लाल गुलाब के साथ अलावा विशेष रूप से चमेली का फूल आसान, किंतु अचूक हनुमान मंत्र के साथ अर्पित करें.इस मंत्र की 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप भी संकटनाश में बहुत असरदार माने गए हैं. इसके साथ ही चमेली के तेल के साथ श्री हनुमान को सिंदूर चढ़ावें या चोला चढ़ाना भी शोक-पीड़ा मुक्ति की कामना के लिए मंगलकारी सिद्ध होगा. श्री हनुमान को यथाशक्ति भोग लगाकर गुग्गल धूप व गाय के घी के दीप से आरती करें व अक्षय सुख की कामना करें.
संकटों को दूर करे ये हनुमान मंत्र!
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती व प्रति मंगलवार को कर सकते हैं.
मंत्र : ॐनमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
जप विधि := सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें. पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है. जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें.
मनोकामना पूरी करे ये हनुमान मंत्र !
कलयुग में सबसे अधिक हनुमानजी की पूजा की जाती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी ही कलयुग में जीवंत देवता है जो अपने भक्तों का हर कष्ट दूर करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. यदि आपकी भी कोई मनोकामना है तो नीचे लिखे हनुमान मंत्र का जप विधि-विधान से करने पर आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी. मंत्र इस प्रकार है-
मंत्र : महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये..
जप विधि : प्रति मंगलवार सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें और उन्हें सिंदूर तथा गुड़-चना चढ़ाएं. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश का आसन ग्रहण करें. तत्पश्चात लाल चंदन की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जप करें. इस मंत्र का प्रभाव आपको कुछ ही समय में दिखने लगेगा.
हौंसले बढ़ाये ये मंत्र !
धन, स्वास्थ्य, सुविधा, साधन होने के साथ ही कामयाबी या विपरीत हालात से बाहर आने के लिए एक बात सबसे महत्वपूर्ण होती है. वह है - हौंसला, उत्साह या उमंग. किंतु उतार-चढ़ाव भी जीवन का हिस्सा है. इसलिए अचानक मिले दु:ख या जी-तोड़ मेहनत के बाद भी मिली नाकामयाबी इंसान के हौंसलों को कमजोर करती है. ऐसी हालात में हर कोई नई शुरुआत के लिए कुछ ऐसे उपाय की कामना करता है, जो फिर से नई ऊर्जा से भर दे. शास्त्रों में ऐसी ही मुश्किल हालातों से निपटने के लिए देव उपासना का महत्व बताया गया है. इसी क्रम में उत्साह, ऊर्जा और उमंग पाने और मुश्किलों से बाहर आने के लिए श्री हनुमान की भक्ति प्रभावी मानी जाती है. हनुमान की प्रसन्न्ता के लिए चालीसा, सुंदरकाण्ड, हनुमान स्त्रोत आदि का पाठ किया जाता है.
यहां श्री हनुमान स्मरण के ऐसे ही उपायों में छोटे, बोलने में सरल ग्यारह श्री हनुमान मंत्रों को बताया जा रहा है. जिनका शनिवार, मंगलवार या नियमित रूप से ध्यान धार्मिक दृष्टि से आपके कष्टों को दूर कर आपको निरोग और ऊर्जावान बनाए रखता है
मंत्र :
ॐ हनुमते नमः
ॐ वायु पुत्राय नमः
ॐ रुद्राय नमः
ॐ अजराय नमः
ॐ अमृत्यवे नमः
ॐ वीरवीराय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ निधिपतये नमः
ॐ वरदाय नमः
ॐ निरामयाय नमः
ॐ आरोग्यकर्त्रे नमः
जप विधि : सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें !उसके बाद श्री हनुमान की गंध, फूल, सिंदूर, नारियल, गुड़-चने, धूप, दीप से पूजा कर इन मंत्रों का यथाशक्ति जप करें.
हर सुबह बोलें यह हनुमान मंत्र !
सांसारिक जीवन की आपाधापी में हर इंसान जीवन से जुड़े हर काम में अच्छे नतीजे ही चाहता है. लेकिन जीवन ही किसी प्रकार अच्छा बना लें? इस बारे में बिरले लोग ही विचार कर पाते हैं. अगर जीवन को ही अच्छे आचरण, अनुशासन और संकल्पों से जोड़ लिया जाए तो फिर किसी भी कार्य की सफलता में भय, संशय पैदा नहीं होता. हनुमान भक्ति जीवन में अच्छे आचरण को अपनाने के लिये सर्वश्रेष्ठ मानी गई है. शास्त्रों में हनुमान का स्मरण किसी भी वक्त अच्छे कामों व सोच की प्रेरणा ही देता है. इसलिए शास्त्रों में बताया गया विशेष हनुमान मंत्र हर रोज सुबह खासतौर पर हनुमान जयंती यानी चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर स्मरण किया जाए तो लक्ष्य की सफलता को लेकर पैदा होने वाले भय-संशय व बाधाएं खत्म हो जाते हैं. साथ ही अशुभ बातों से हमेशा रक्षा होती है. जानिए हैं यह मंत्र -
मंत्र : उद्यन्मार्तण्ड कोटि प्रकटरूचियुक्तंचारूवीरासनस्थं. मौंजीयज्ञोपवीतारूण रूचिर शिखा शोभितं कुंडलांकम्. भक्तानामिष्टदं तं प्रणतमुनिजनं वेदनाद प्रमोदं. ध्यायेद्नित्यं विधेयं प्लवगकुलपतिगोष्पदी भूतवारिम्..जप विधि := स्नान के बाद श्री हनुमान प्रतिमा को पवित्र जल से स्नान कराने अष्टगंध, लाल चंदन, तिल का तेल और सिंदूर, सुपारी, नारियल, लाल फूलों की माला व गुड़ अर्पित करे.यथासंभव लाल वस्त्र पहन उत्तर दिशा की ओर मुख कर लाल आसन पर बैठ सामने श्री हनुमान की तस्वीर रख नीचे लिखे मंत्र हनुमान स्वरूप का ध्यान कर सुखी, समृद्ध व संकटमुक्त जीवन की कामना से करें !मंत्र स्मरण के बाद मिठाई का भोग लगा धूप, दीप व कर्पूर आरती करें व क्षमा प्रार्थना करे.
संकटों को दूर करता है यह हनुमान मंत्र !
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है. इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में हनुमानजी की आराधना करना ही सबसे श्रेष्ठ है. यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कोई संकट न आए तो नीचे लिखे मंत्र का जप हनुमान जयंती या प्रतियेक मंगलवार को भी इस मंत्र का जप कर सकते हैं.
मंत्र : ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
जप विधि: सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें. पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है. जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें.
भय का नाश करता है यह हनुमान मंत्र !
क्या आप किसी अज्ञात भय से ग्रसित हैं या आपको हर समय किसी का डर सताता रहता है. कुछ लोगों को इस प्रकार की समस्या रहती है. उन्हें हर समय किसी न किसी बात का डर सताता रहता है. जब यह भय अधिक बढ़ जाता है तो एक रोग का रूप ले लेता है. यदि आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करने से इसका निदान संभव है.
मंत्र : अंजनीर्ग सम्भूत कपीन्द्रसचिवोत्तम. राम प्रिय नमस्तुभ्यं हनुमते रक्ष सर्वदा..
विधि : सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें उस के बाद अज्ञात भय से रक्षा के लिए इस हनुमान मंत्र का जप लगातार 7 दिनों तक प्रतिदिन 75 बार हनुमान यंत्र के सामने करें. यंत्र का धूप-दीप से पूजन भी करें, उसके बाद मंत्र का जप करें ! इसके बाद इस यंत्र को किसी
हनुमान मंदिर में अर्पित कर दें. इससे मंत्र से सभी भयों का नाश हो जाता है.
रोग मुक्ति हेतु मंत्र !
यदि प्रयासों के बावजूद भी रोगों से पीछा नहीं छुट रहा हो, डॉक्टर को बीमारी समझ में नहीं आ रही हो, दवा काम नहीं कर रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको अवश्य लाभ देगी. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत मंगलवार के दिन हनुमान जी का ध्यान करते हुए पंचोपचार का पूजन करें. लाल कपड़े 700 ग्राम रेवडिय़ां बांधकर पोटली बनाकर अपने पूजा स्थान में रख दें. घी का दीपक जलाकर संकटमोचन हनुमानष्टक के 11 पाठ करें. ततपश्चात यह पोटली अपने ऊपर से 7 बार उसार करके बहते पानी या सरोवर में प्रवाहित कर दें. पूजा के उपरांत गरीब बच्चों को मीठे परांठे खिलाना भी लाभयदायक रहेगा. यदि आप अनेकानेक रोग से परेशान रहते है. तो श्री हनुमान जी का तीव्र रोग हर मंत्र का जप करनें,जल,दवा अभिमंत्रित कर पीने से असाध्य रोग भी दूर होता है. तांबा के पात्र में जल भरकर सामने रख श्री हनुमान जी का ध्यान कर मंत्र जप कर जलपान करने से शीघ्र रोग दूर होता है.श्री हनुमान जी का सप्तमुखी ध्यान कर मंत्र जप करें.
मंत्र : ॐ नमो भगवते सप्त वदनाय षष्ट गोमुखाय,सूर्य रुपाय सर्व रोग हराय मुक्तिदात्रे ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
कारोबार में लाभ हेतु मंत्र !
संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी कारोबार में लाभ नहीं मिल रहा हो, सारे प्रयास विफल हो रहे हो तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की यह आराधना प्रारंभ करें. और लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत सूर्योदय से पूर्व हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें. ततपश्चात शुद्घ चंदन का धूप जलाकर, घी का दीपक प्रज्जवलित कर एक पाठ सुंदरकांड का करें. पूजा के उपरांत मीठा भोजन गरीब व जरूरतमंद कन्याओं को कराएं. और साथ में गल खोलूं जल हल खोलूं बंल व्यापार आवे धन अपार. फरो मंत्रा ईश्वरोवाचा हनुमत बचन जुग जुग सांचा. का जाप करे.
कर्जें से मुक्ति हेतु मंत्र !
लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जें से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल नहीं है, शनिदेव की वजह से कष्ट आ रहे हैं तो हनुमान जी की इस पूजा का करने से संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा. किसी भी मंगलवार के दिन लाल चंदन की हनुमान जी की प्रतिमा बनाकर, गंगाजल से पवित्र कर श्रद्घापूर्वक अपने पूजा स्थान में लाल वस्त्र पर स्थापित करें. हर रोज देसी घी का दीपक जलाकर 21 दिन तक 11 माला मंत्र का जाप करें. जाप के उपरांत 9 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को लाल वस्त्र का दान दें. संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
मंत्र : ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा.
कार्य बाधा निवारण हेतुमंत्र !
चलते काम में अचानक बाधा आती हो, चलता-चलता काम अचानक रुक जाता हो, व्यवसाय में बिना वजह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो और लोगों ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की इस पूजा से संपूर्ण कष्टों का निवारण होता है. मंगलवार के दिन पूजा प्रारंभ करें. लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नानोपरांत दक्षिणावर्ती हनुमान जी की मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाएं. ततपश्चात गुड़ के चूरमे का भोग लगाएं.इस मंत्र का 3 माला जाप करें. संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा.
मंत्र : ॐ नम: हरीमरकटमरकटाय स्वाहा
शत्रु कष्ट निवारण हेतु मंत्र !
बिना वजह दुश्मनों का डर सताता हो, हमेशा मन भयभीत रहता हो, और लोगों ने आपको भयभीत किया हो कि कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा करने से दुश्मन आपका बुरा नहीं कर पाएगा. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत माता-पिता के चरण स्पर्श करें. पारद हनुमत प्रतिमा के सामने लाल हकीक की माला से हर रोजमंत्र का जाप करने से अवश्य लाभ मिलेगा.
मंत्र : ॐ नमो हनुमते रुदावताराय सर्व शत्रु संहाराणाय सर्व रोग हराय, सर्व वशीकरणाय राम दूताय स्वाहा
दुर्घटना निवारण हेतु मंत्र !
यदि आपके साथ में बिना कारण ही दुर्घटना घट जाती है, बार-बार आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट होता हो, अनावश्यक भय बना रहता हो, और किसी ने आपसे कहा है कि आपकी जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह प्रयोग आपको अवश्य लाभ देगा. मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी का ध्यान करते हुए अपने पूजा स्थान में चमेली के तेल का दीपक जलाएं. श्रद्घापूर्वक मंत्र का जाप करें. ततपश्चात 108 चमेली के पुष्प हनुमान जी के श्रीचरणों में अर्पित करें. ऐसा 11 मंगलवार करें.
मंत्र : ॐ हं हनमते रुद्रआत्मकाय हुं फट्.
दांपत्य सुख हेतु मंत्र !
वैवाहिक रिश्तों में बिना मतलब कड़वाहट रहती हो, बात-बात पर पति-पत्नी में झगड़ा हो जाता हो, और किसी ने आपसे कहा है कि आप दोनों की जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको अवश्य लाभ देगी. हर मंगलवार के दिन श्रद्घापूर्वक पंचोपचार पूजन करने के उपरांत मिट्टी के पात्र में शहद भरकर हनुमान जी के मंदिर में अर्पित करें. वहीं बैठकर शुद्घ लाल आसन पर मंत्र का 108 बार जाप करें. ऐसा 21 मंगलवार करें. अवश्य लाभ मिलेगा.
मंत्र : ॐ श्री हनुमते नम:
कोर्ट-कचहरी के मसलें निवारण हेतु मंत्र !
ईमानदारी, मेहनत, परिश्रम और सच्चाई से काम करने के बावजूद भी कोई न कोई अड़चनें आपको परेशान करती हो और किसी ने आपसे कहा है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह आराधना कष्ट मिटायेगी. मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत हनुमान जी के श्रीचरणों में मंत्र का जाप करते हुए 108 चुटकी सिंदूर अर्पित करें. अवश्य लाभ मिलेगा. ऐसा नियमित 40 दिन करें. मंगलवार के दिन कन्याओं को श्रद्घानुसार चावल देना भी शुभ रहेगा.
मंत्र : ॐ अग्निगर्भाय नम:
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हूं फट.
वाहन प्राप्ति हेतु मंत्र :
संपूर्ण आर्थिक संपन्नता के बावजूद भी वाहन प्राप्ति में तकलीफ आ रही हो, लोगों ने आपको डराया हो कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपके लिए रामबाण रहेगी. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत 400 ग्राम साबूत मसूर गंगाजल से धोकर अपने ऊपर से 7 बार उसारकर बहते पानी में प्रवाह करें. साथ ही हनुमान जी के मंत्र की 3 माला हर रोज करें.
मंत्र : ॐ नमो भगवते आन्ञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा.
पारिवारिक सुख हेतु मंत्र !
संपूर्ण मेहनत और परिश्रम के बावजूद भी पारिवारिक सदस्य एक साथ नहीं रह पा रहे हो, घर में हमेशा कलाह रहता हो, बाहर सब कुछ ठीक है और घर में प्रवेश करते ही आपस में टकराव हो जाता है और लोगों ने आपको भयभीत किया है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको लाभ देगी. किसी भी मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें. लगातार 43 दिन तक करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नान करने वाले जल में हल्दी की गांठ डालकर स्नान करें. तत्पश्चात गीले वस्त्रों में भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं. और मंत्र का 108 बार जाप करें !
मंत्र : ॐ कपिराजाय नम:
चल-अचल संपत्ति हेतु मंत्र !
लाख कोशिशें के बावजूद भी आप भूमि-भवन और वाहन की प्राप्ति नहीं कर पा रहे हैं. आपके पास धन है उसके बाद बावजूद भी आप संपत्ति नहीं खरीद पा रहे हो और किसी ने आपसे कहा है कि जन्मकुंडली में निजकृत कर्मों की वजह से शनि अुनकूल फल प्रदान नहीं कर रहा है तो हनुमान जी की यह पूजा आपको लाभ देगी. किसी भी मंगलवार को यह पूजा प्रारंभ करें और लगातार 21 दिन तक करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत भगवान सूर्य को जल देने के बाद लाल कपड़े में श्रद्घानुसार मसूर की दाल बांधकर सुहागिन कर्मचारी महिला को दान में दे. हर रोज 9 माला इस मंत्र का जाप करें.
मंत्र : ॐ राम भक्ताय नम:
मान-सम्मान की प्राप्ति हेतु मंत्र !
यदि संपूर्ण प्रयासों के बावजूद भी मान-सम्मान नहीं मिल रहा है, समाज में आप अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं. करना जाते हैं अच्छा और बुरा हो जाता है. लोगों ने आपसे कहा है कि निजकृत कर्मों की वजह से आपका शनि अनुकूल नहीं है तो मंगलवार के दिन यह पूजा प्रारंभ करें और लगातार 40 दिन करें. हर रोज नित्यकर्म से निवृत्त हो स्नानोपरांत गीले कपड़ों में 9, 11 या 21 श्वेतार्क के पुष्प हनुमान जी के श्रीचरणों में अर्पित करें. अवश्य लाभ मिलेगा. हर रोज मंत्र की 5 माला का जाप करें.
मंत्र : ॐ हं पवननदनाय स्वाहा
हनुमान मंत्र से करें कालसर्प दोष शांति !
जिंदगी सुख और दु:ख का सिलसिला है. कोई हमेशा सुखी जिंदगी नहीं बिता सकता है, न ही हमेशा दु:ख के साये में रहता है. शास्त्रों में ऐसे उतार-चढ़ाव भरे मानव जीवन को सहज बनाने के लिए ही कर्म के साथ धर्म का पालन भी जरूरी माना गया है. खासतौर पर कष्ट और संकट की घड़ी में व्यावहारिक उपायों के साथ धार्मिक तरीके भी प्रभावी माने जाते हैं, जो निश्चित तौर पर मनोबल और विश्वास को मजबूती भी देते हैं.ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक कालसर्प योग भी जिंदगी में परेशानियां और पीड़ा देने वाले योग बनाता है. किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में यह योग दो छायाग्रहों राहु और केतु के कारण बनाता है. दोनों ग्रह क्रूर स्वभाव के भी माने जाते हैं. इन दोनों ग्रहों की चाल भी टेढ़ी होती है. इसलिए यह किसी व्यक्ति की कुण्डली में शत्रु राशियों में होने पर अन्य ग्रहों के शुभ फल पर भी बुरा असर डालते हैं. राहु और केतु के योग से बने कालसर्प दोष शांति के अनेक शास्त्रोक्त विधि विधान है. किंतु समयाभाव या आर्थिक परेशानियों के कारण अगर आप इन उपायों को न कर सके तो देव उपासना के ऐसे भी उपाय हैं, जो न केवल आपके समय की बचत करते है, बल्कि बिना किसी व्यय के अधिक से अधिक शुभ फल देते हैं.हिन्दू धर्म में अनगिनत देवी-देवताओं को पूजा जाता है. किंतु जब भी इंसान संकट या कष्ट से गुजरता है तो रामभक्त हनुमान को ही स्मरण किया जाता है. श्री हनुमान संकटमोचक भी कहलाते हैं. इसलिए कालसर्प दोष शांति के लिए भी हनुमान उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है. श्री हनुमान के कुछ ऐसे दिव्य मंत्र माने गए हैं, जिनके जप से कालसर्प दोष से मिल रहे तमाम दु:खों की काट होती है. इनमें से ही एक मंत्र है
मंत्र : ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
जप विधि:= कुण्डली में कालसर्प की दशा में हर रोज पवित्र होकर श्री हनुमान की पूजा करें. पूजा में हनुमान को चमेली या कोई भी सुगंधित तेल के साथ सिंदूर चढ़ाए या चोला चढ़ाएं. लाल चंदन, लाल फूल भी पूजा में शामिल करें. भोग में चने-गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं. इसके बाद इस हनुमान मंत्र का कम से कम पांच बार संभव हो तो १०८ बार एक माला का जप करें. हर रोज संभव न हो मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंत्र का जप करें. इस मंत्र के असर से शनि ग्रह की दोष शांति भी होती है.
हर पर के परेशानी दूर करे ! ये श्री हनुमान गायत्री मंत्र !!
हिन्दू धर्म में एक ही ईश्वर अलग-अलग देवशक्तियों के रूप में पूजनीय है. वैसे तो हर देव शक्ति कल्याणकारी ही होती है, लेकिन धर्मशास्त्रों में सांसारिक जीवन की कामना विशेष को पूरा करने या दोष-बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष देव शक्तियों की उपासना विशेष फलदायी मानी गई है. मातृशक्ति गायत्री को भी परब्रह्म यानी सर्वशक्तिमान ईश्वर माना गया है. गायत्री साधना भी 24 देवशक्तियों से जोडऩे वाली मानी गई है यानी सिर्फ गायत्री उपासना से 24 अलग-अलग देवताओं की उपासना से मनचाहे फल पाए जा सकते हैं. जिसके लिए गायत्री मंत्र के साथ इन 24 देवताओं के अलग गायत्री मंत्र के स्मरण का महत्व बताया गया है.हर इंसान जीवन से जुड़ी विशेष कामनापूर्ति व समस्याओं, कमी या दोष से छुटकारे के लिए उसी गुण और शक्ति वाले देवता की गायत्री का स्मरण करे तो बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं.
गायत्री की इन 24 देवशक्तियों में एक है - श्री हनुमान. जिनकी उपासना शक्ति और समर्पण का भाव जाग्रत करने वाली मानी गई है. जिसके लिए हनुमान गायत्री मंत्र असरदार माना गया है.
व्यावहारिक जीवन के नजरिए से श्री हनुमान गायत्री मंत्र का स्मरण इंसान को निडर, संयमी, धैर्यवान, जिम्मेदार, समर्पित, विश्वासपात्र और गुण संपन्न बना देता है. जानते हैं यह श्री हनुमान
मंत्र : ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि. तन्नो मारुति: प्रयोचदयात्..
गायत्री मंत्र और सरल पूजा विधि - प्रात: स्नान कर देवालय में माता गायत्री व श्री हनुमान की लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प अर्पित कर पूजा करें.इस सामान्य पूजा के बाद घी का दीप जलाकर पहले माता गायत्री का ध्यान गायत्री मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलकर करें.इसके बाद श्री हनुमान का ध्यान व अमंगल और अशुभ को टालने की कामना करते हुए श्री हनुमान गायत्री का नीचे लिखा मंत्र की एक माला यानी 108 बार बोलें.पूजा और मंत्र जप के बाद माता गायत्री और श्री हनुमान को मिठाई, फल या सूखे मेवों का भोग लगाकर गायत्री आरती और हनुमान आरती करें.इस दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों की क्षमाप्रार्थना कर आरती और प्रसाद ग्रहण करें.समयाभाव से अगर उपरोक्त मंत्रों की एक माला संभव न हो तो कम से कम 11 बार श्रद्धा से मंत्र जप भी शुभ फल देता है.
Koti Devi Devta
वर और वधु की कुंडली में गुण-मिलान क्या होता है !
जन्म कुंडली में रोग और शत्रु भाव को समझें
जन्म कुंडली से जानिए प्रॉपर्टी मुकदमा व विवाद चल रहा तो कब तक निपटेगा
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जन्म कुंडली के ये 6 खतरनाक दोष, जो हर समय परेशानियां देते है!
देखिये मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में किसने मारी बाज़ी पलपल इंडिया की लाइव अपडेट के साथ
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