नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र का आज (18 दिसंबर) 11वां दिन है. संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ. हंगामा करने वाले 34 सांसदों को स्पीकर ओम बिड़ला ने सस्पेंड कर दिया. इसमें नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हैं.
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे. अब तक कुल 47 लोकसभा सांसद पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं. इसके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया जा चुका है.
सदन में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी. कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है. हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई. बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. सांसदों के निलंबन के बाद सदन कल (मंगलवार) तक के लिए स्थगित हो गई.
राज्यसभा भी 4 बजे तक स्थगित
12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई. आसंदी पर राजेंद्र अग्रवाल थे. इसी बीच कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कम्युनिकेशंस बिल 2023 पेश किया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने फिर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं. अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों से बैठने को कहा. वे नहीं माने तो सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई. बाद में शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं, राज्यसभा में भी लोकसभा में घुसपैठ मुद्दे पर हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक स्थगित की गई. इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की.
इंडिया गठबंधन की तरफ से खडग़े की चिट्ठी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को लेटर लिखा है. इसमें उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए. ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है. डेरेक समेत 14 सांसदों (13 लोकसभा और एक राज्यसभा) को 14 दिसंबर को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया गया था.
सदन में नारेबाजी, तख्तियां लाना सही नहीं- स्पीकर
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है. मामले में जांच कमेटी गठित की गई है. पहले भी जब इस तरह की घटनाएं हुईं तो पूर्व स्पीकरों के जरिए ही जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को लेकर राजनीति हो रही है. सदन में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही चर्चा होनी चाहिए.
सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना, आसंदी के पास आना ठीक नहीं है. देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते. लोकसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनका सुरक्षा में चूक मामले से संबंध नहीं है.
पिछली कार्यवाही (15 दिसंबर) में संसद में सुरक्षा मुद्दे पर बहस हुई थी और हंगामे के चलते दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था. विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर गृह मंत्री का जवाब चाहते हैं. कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर डिबेट से दूर भागने का आरोप लगाया है.
वहीं, रविवार 17 दिसंबर को पब्लिश एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने संसद की घुसपैठ को चिंताजनक बताया था. मोदी ने कहा था कि इस मुद्दे पर डिबेट नहीं जांच होनी चाहिए. इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- सभी विपक्षी सांसद गृह मंत्री से पूछना चाहते है कि 13 दिसंबर को क्या हुआ था और कैसे हुआ था. पीएम मोदी इस डिबेट से दूर भाग रहे हैं. मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर पर सवाल उठते रहेंगे, जिन्होंने घुसपैठियों को संसद में प्रवेश करने में मदद की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली-मुंबई तेजस राजधानी एक्सप्रेस से चोर पार कर ले गए 60 लाख की नगदी और ज्वेलरी
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