जबलपुर. आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री कामरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा है कि इस समय हर कर्मचारी, चाहे वह रेलवे सहित केंद्रीय कर्मचारी हो या राज्य का स्टाफ, वह एनपीएस को लेकर टेंशन में है, वह हर हाल में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर उद्वेलित है. यदि केंद्र सरकार ने ओपीएस की मांग नहीं मानी तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे और मामला अनिश्चितकालीन आम हड़ताल तक जायेगा, जिसका निर्णय अगले माह सभी संगठनों के साथ मिलकर लिया जाएगा. यह बात श्री मिश्रा ने जबलपुर प्रवास पर पत्रकार वार्ता में कही. इस मौके पर एआईआरएफ के कार्यकारी अध्यक्ष काम. जेआर भोंसले, डबलूसीआरईयू के महामंत्री का. मुकेश गालव, जोनल सचिव सुश्री चम्पा वर्मा भी मौजूद रहीं.
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के जबलपुर में आयोजित 21वां वार्षिक अधिवेशन के मौके पर जबलपुर प्रवास पर पहुंचे काम. शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि ओपीएस इस समय बड़ी चुनौती है. लगातार ओपीएस बहाली के लिए आंदोलन किया जा रहा है. रामलीला मैदान दिल्ली में रेलवे, डिफेंस सहित देश भर के दो लाख लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पिछले माह 21-22 नवम्बर को इस मांग को लेकर स्ट्राइक बैलेट किया गया, जिसमें 96.7 प्रतिशत लोगों ने हड़ताल के पक्ष में मतदान दिया है.
जेएफआरओपीएस की बैठक में अनेक निर्णय
श्री मिश्रा ने कहा कि ओपीएस की बहाली के लिए सभी क्षेत्र के कर्मचारी संगठनों की बना मंच (जेएफआरओपीएस) ने गत 15 दिसम्बर को एक बैठक आयोजित की, जिसमें सभी यूनिट, जिला, मंडल कार्यालयों पर 24 घंटे की क्रमिक हड़ताल करने का निर्णय लिया है. साथ ही बड़े नेता जंतर मंतर में ओपीएस बहाली के लिए धरना देंगे.
केंद्र सरकार को तय करना है हड़ताल हो या न हो
श्री मिश्रा ने कहा कि अब केंद्र सरकार को ही तय करना है कि देश में अनिश्चितकालीन आम हड़ताल हो या न हो, यदि सरकार उनकी मांग मानते हुए ओपीएस बहाली पर सकारात्मक निर्णय लेती है तो ठीक है, वरना फरवरी माह में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी, जिसके संबंध में जनवरी माह के मध्य में ज्वाइंट फोरम की बैठक होगी, जिसमें तारीख पर निर्णय लिया जायेगा. यह हड़ताल सिर्फ रेलवे की नहीं होगी, वरन, डिफेंस, बीमार, इंश्योंरेस, राज्य के कर्मचारी भी शामिल होंगे. यानी देश में सब कुछ थम जायेगा.
जो ओपीएस की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा
श्री मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों का नारा है कि जो ओपीएस की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा. पिछले कुछ समय से जो कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, उन्हें एनपीएस से किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपए पेंशन मिल रहा है, जो अपर्याप्त है. इसका असर आम चुनाव में असर डाल सकता है, क्योंकि करोड़ों कर्मचारी, उनके परिवार एनपीएस से पीडि़त हैं.
निजीकरण स्वीकार नहीं, हमारा विरोध जारी
एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार लगातार निजीकरण को बढ़ावा देने पर लगी है, लेकिन फेडरेशन का स्पष्ट विरोध जारी है. उन्होंने कहा कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में जहां वंदे भारत के कोचों का निर्माण हो रहा है, वहां पर लगभग 100 करोड़ में एक ट्रेन का सेट हमारा स्टाफ तैयार कर रहा है, लेकिन इसी काम के लिए सरकार ने जो ठेका दिया है, उसमें रसिया की कंपनी ने 136 करोड़ में एक सेट बनाने की बात कही है, यानी 26 करोड़़ अधिक, जबकि इसमें संसाधन रेलवे का, लैंड यूज भी रेलवे का, और लागत इतनी अधिक, इसी तरह डीएलडबलू वाराणसी में रेल इंजिन निर्माण को भी निजी हाथ में देने के निर्णय का विरोध जारी है, यहां पर भी रेलवे स्टाफ काफी कम लागत में उच्च गुणवत्तापूर्ण इंजिनों का निर्माण कर रहा है, यही कार्य निजी कंपनी ऊंची लागत में तैयार कर देने जा रही है, इस मामले का ेरेल मंत्री के समक्ष उठाया गया है. जिन्होंने शीघ्र चर्चा का आश्वासन दिया है.
सीनियर सिटीजन, पत्रकारों को रियायत मिले
एक सवाल के जवाब में श्री मिश्रा ने कहा कि रेलवे को यात्रा में सीनियर सिटीजन व पत्रकारों को रियायती यात्रा की सुविधा पूर्व की भांति मिलना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि अगले लोकसभा चुनाव के पहले शायद सरकार फिर से रियायती यात्रा की सुविधा दे सकती है, ताकि उसे चुनावों में लाभ मिले.
दो दिनों तक कर्मचारियों की मांगों पर होगा मंथन
इस मौके पर डबलूसीआरईयू के महामंत्री कामरेड मुकेश गालव ने कहा कि 22 व 23 दिसम्बर को जबलपुर में यूनियन का जो 21वां अधिवेशन हो रहा है, इसमें हजारों रेल कर्मचारी तीनों रेल मंडलों जबलपुर, कोटा व भोपाल के अलावा भोपाल व कोटा वर्कशाप से आये हुए हैं, सभी कर्मचारियों के साथ उनकी मांगों व समस्याओं पर विचार मंथन होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-क्रिसमस और नववर्ष के मौके पर रेलवे चलाएगा नई दिल्ली से कटरा तक दो स्पेशल ट्रेनें