पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में ईसाई धर्मगुरु व पूर्व बिशप पीसी सिंह की एक जमीन के मामले में ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा तलाश की जा रह है. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद से ही पीसी सिंह परिवार सहित फरार है, जिसे पकडऩे के लिए ईओडब्ल्यू की टीमें लगातार तलाश कर रही है. पीसी सिंह के घटनाक्रम के बाद से ईओडब्ल्यू की टीम अपनी पैनी नजर जमाए हुए है. हर गतिविधि पर ईओडब्ल्यू के अधिकारी निगरानी रखे हुए है.
सूत्रों की माने तो पूर्व बिशप पीसी सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करके हुए फर्जी तरीके से जमीनों की खरीद-फरोख्त करते हुए करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की. जिसकी शिकायत मिलने पर जांच करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) करीब दो साल पहले सर्च कार्रवाई की. कार्रवाई के दौरान पीसी सिंह के घर से करीब एक करोड़ 65 लाख रुपए नगद, विदेशी मुद्राएं, दो किलो सोने के जेवर मिले थे. इसके बाद जमीनों का फर्जीवाड़ा, स्कूलों से मिलने वाली फीस से लग्जरी गाडिय़ां खरीदने का खुलासा किया गया. पीसी सिंह जैसे ही जर्मनी से नागपुर पहुंचे तो सुरक्षा एजेंसियों की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पीसी सिंह को बिशप के पद से बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद प्याज के छिंलकों की मानिंद पीसी सिंह के जमीनों के घोटाले सामने आते चले गए. अभी भी ईओडब्ल्यू की टीम को पीसी सिंह की एक जमीन के मामले में तलाश है, पीसी सिंह अपने परिवार सहित फरार है, जिन्हे पकडऩे के लिए ईओडब्ल्यू की टीमें तलश में जुटी हुई है. इस मामले में ईओडब्ल्यू डीएसपी मंजीत सिंह का कहना है कि पीसी सिंह की एक नेपियर टाउन की एक जमीन बेचे जाने के मामले में तलाश की जा रही है. चर्चाएं तो यह भी है कि पीसी सिंह भले ही अब बिशप नहीं रह गया है, इसके बाद भी चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के अभी भी उसका दबदबा कायम है, चाहे दिल्ली हो या स्थानीय स्तर पर बैठे पदाधिकारी कहीं न कहीं पूर्व बिशप का अप्रत्यक्ष रुप से साथ दे रहे है. जिसमें कुछ वर्तमान पदाधिकारी भी शामिल है.
पीसी सिंह ने नहीं होने दिए थे चुनाव-
गौरतलब है कि मॉडरेटर बनने के बाद पीसी सिंह ने पांच साल में एक बार भी दिल्ली के चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के भवन में सीनेट की बैठक नहीं होने दी. जबकि सीनेट के सदस्यों ने कई बार मीटिंग करने के लिए कहा.
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